tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post1023102107863022270..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: "छन्दों का विज्ञान" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-10321822423917121742013-06-06T16:22:43.583+05:302013-06-06T16:22:43.583+05:30बहुत बढ़िया सारी सच्चाई लिख डाली आपने .......
आइना...बहुत बढ़िया सारी सच्चाई लिख डाली आपने .......<br />आइना भी है विदेशी रंगरूटों के लिए अरुणाhttps://www.blogger.com/profile/11069255398676710722noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-17575500461534324532013-06-06T11:11:53.455+05:302013-06-06T11:11:53.455+05:30वाह सभी दोहे छंद कि धारा ....मन को भा गये , सरजमीँ...वाह सभी दोहे छंद कि धारा ....मन को भा गये , सरजमीँ को अपनी कहानी सुना गये ..सुंदर रचनायेंshashi purwarhttps://www.blogger.com/profile/04871068133387030845noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-13631314830181885992013-06-05T20:50:28.524+05:302013-06-05T20:50:28.524+05:30बहुत बढ़िया..पूरा विज्ञान ही लिख डाला..आभारबहुत बढ़िया..पूरा विज्ञान ही लिख डाला..आभारMaheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-39805874183928152912013-06-05T20:12:13.299+05:302013-06-05T20:12:13.299+05:30शब्दों को साधने में संस्कृति का सहारा हम सदा लेते ...शब्दों को साधने में संस्कृति का सहारा हम सदा लेते रहेंगे।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-62061037772091612432013-06-05T17:10:58.692+05:302013-06-05T17:10:58.692+05:30बढिया लिखा आपने, पर लोग कैसे भी हो अपने हाथ तो रंग...बढिया लिखा आपने, पर लोग कैसे भी हो अपने हाथ तो रंग ही रहे हैं, धीरे धीरे मंज भी जायेंगे.<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-19302945355772238872013-06-05T17:09:58.853+05:302013-06-05T17:09:58.853+05:30:)
रामराम.:)<br /><br />रामराम.ताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-91285775401821883372013-06-05T16:43:16.707+05:302013-06-05T16:43:16.707+05:30बढियाबढियामहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-59198428829160806112013-06-05T16:38:54.293+05:302013-06-05T16:38:54.293+05:30अच्छी प्रस्तुति !!
आभार आदरणीय !!अच्छी प्रस्तुति !!<br />आभार आदरणीय !!पूरण खण्डेलवालhttps://www.blogger.com/profile/04860147209904796304noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-80488379634714546782013-06-05T12:15:11.604+05:302013-06-05T12:15:11.604+05:30बढ़िया है गुरुवर-
शुभकामनायें बढ़िया है गुरुवर-<br />शुभकामनायें रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-38174016285863464372013-06-05T11:33:09.448+05:302013-06-05T11:33:09.448+05:30आपने तो पूरा विज्ञान रख दिया अब कोई समझ सके तो जरू...आपने तो पूरा विज्ञान रख दिया अब कोई समझ सके तो जरूर समझेगा…………बहुत सुन्दर व संदेशपरक प्रस्तुति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-50101650567684578082013-06-05T10:11:41.143+05:302013-06-05T10:11:41.143+05:30गुरूदेव बहुत सुन्दर!
इस विडम्बना से मुक्ति मिलती ...गुरूदेव बहुत सुन्दर! <br />इस विडम्बना से मुक्ति मिलती दिखती नहीं। <br />आपका आभार कि आपने यह विषय उठाया!<br />सादर!<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07070644113445916071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-37843761268232037572013-06-05T08:53:22.660+05:302013-06-05T08:53:22.660+05:30चित्रगीत को हाइगा, बतलाते नादान।
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भूल गये अपनी...चित्रगीत को हाइगा, बतलाते नादान।<br />...<br /><br />भूल गये अपनी विधा, छन्दों का विज्ञान।<br />क्षणिकाओं को हाईकू, बता रहे गुणवान।।<br /><br />...<br /><br />आनंद आ गया शास्त्री जी ,<br />काश लोग आपके दर्द को समझ सकें मगर अफ़सोस यहाँ सब विद्वान हैं , शायद ही कोई पढने की कोशिश करे !<br />इसी कष्ट में होली पर लिखीं कुछ पंक्तियाँ आपको भेंट हैं !<br /><br />ब्लोगिंग करते <br />सब चलता है !<br />कुछ भी लिखदो <br />सब छपता है !<br />जिनको कहीं न सुनने वाले,यहाँ पर बजतीं ताली हैं !<br />यहाँ पन्त जी और मैथिली , अक्सर भरते पानी हैं <br /><br />कचरा लिख दो ,<br />कूड़ा लिख दो !<br />कुछ ना आये ,<br />कविता लिख दो<br />कवि बैठे हैं, माथा पकडे ,कविता कैसी होली है !<br />एक पंक्ति में,दो शब्दों की, माला लगती सोणी है !<br /><br />कापी कर ले ,<br />जुगत भिडाले ! <br />ब्लोगर बनकर <br />नाम कमा ले ,<br />मधुर गीत की बातें अब तो,बड़ी पुरानी हो ली हैं !<br />ताऊ ने हाइकू लिखमारा,शिकी की गागर फोड़ी है !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-23095041001626537032013-06-05T08:32:13.606+05:302013-06-05T08:32:13.606+05:30जिसमे कोई लय और भाव न हो कविता नही कहलाती ,,,<b>जिसमे कोई लय और भाव न हो कविता नही कहलाती ,,,</b><br />धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-85559607320672063402013-06-05T08:30:02.108+05:302013-06-05T08:30:02.108+05:30छंदों पर सुंदर छंद!!छंदों पर सुंदर छंद!!सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.com