tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post2297171050136059560..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: दोहे "उलझ रहे हैं तार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-11286689856783426552019-12-03T16:08:47.459+05:302019-12-03T16:08:47.459+05:30".....
कल तक जल का पान कर, रोज रहे थे कोस।
गल...".....<br />कल तक जल का पान कर, रोज रहे थे कोस।<br />गले वही आकर मिले, हो करके मदहोस।।<br /><br />आरोपी को कर लिया, फिर से अंगीकार।<br />जगह-जगह होने लगी, उसकी जय-जयकार।।<br />...."<br /><br />फिर से लालटेन में तेल भरकर उसको जलाने का काम नीतीश ने ही किया था। इनकी ऐसी राजनीति के कारण ही बिहार बाकी प्रदेशों से पीछे रह गया।<br /><br />बहुत बेहतरीन रचना।Prakash Sahhttps://www.blogger.com/profile/04882608306436611902noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-37544193536071426412019-12-03T12:34:25.120+05:302019-12-03T12:34:25.120+05:30बहुत सुंदर और सटीक दोहे।बहुत सुंदर और सटीक दोहे।Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-3606999488620352752019-12-02T18:12:48.916+05:302019-12-02T18:12:48.916+05:30आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (03-12-2019...आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल मंगलवार (03-12-2019) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "तार जिंदगी के" (चर्चा अंक-3538) </a> पर भी होगी। <br />-- <br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है। <br />-- <br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। <br />सादर...! Anita Laguri "Anu"https://www.blogger.com/profile/10443289286854259391noreply@blogger.com