tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post237060792424612729..comments2024-03-25T20:26:21.589+05:30Comments on उच्चारण: "दोपहरी में शाम हो गई" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-17729325147247770752012-12-11T12:33:16.337+05:302012-12-11T12:33:16.337+05:30यथार्थ चित्रण।
खुदरा व्यापारी जायेंगे, परदेशी व्य...यथार्थ चित्रण। <br />खुदरा व्यापारी जायेंगे, परदेशी व्यापार करेंगे,<br />आम आदमी को लूटेंगे, अपनी झोली खूब भरेंगे,<br />दलदल में फँस गया सफीना, धारा तो गुमनाम हो गई।<br />जीवन को ढोनेवाली अब, काया भी नाकाम हो गई।Madan Mohan Saxenahttps://www.blogger.com/profile/02335093546654008236noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-32203103017504092382012-12-11T11:39:24.284+05:302012-12-11T11:39:24.284+05:30चारों ओर यही आलम है!चारों ओर यही आलम है!प्रतिभा सक्सेनाhttps://www.blogger.com/profile/12407536342735912225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-26614574957061137092012-12-11T11:37:34.971+05:302012-12-11T11:37:34.971+05:30
खुदरा व्यापारी जायेंगे, परदेशी व्यापार करेंगे,
आ...<br />खुदरा व्यापारी जायेंगे, परदेशी व्यापार करेंगे, <br />आम आदमी को लूटेंगे, अपनी झोली खूब भरेंगे, <br />दलदल में फँस गया सफीना, धारा तो गुमनाम हो गई।<br />जीवन को ढोनेवाली अब, काया भी नाकाम हो गई।<br /><br />नंगई मुलायम माया की देखो कितनी आम हो गई .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-29864349994054565602012-12-11T09:59:02.163+05:302012-12-11T09:59:02.163+05:30यथार्थ चित्रण। यथार्थ चित्रण। अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-30766225964526705932012-12-10T20:21:21.610+05:302012-12-10T20:21:21.610+05:30नीलगगन पर कुहरा छाया, दोपहरी में शाम हो गई।
शीतलता...नीलगगन पर कुहरा छाया, दोपहरी में शाम हो गई।<br />शीतलता के कारण सारी, दुनियादारी जाम हो गई।।<br /><br />बहुत उम्दा,लाजबाब रचना,,धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-67641507346316593162012-12-10T19:06:03.959+05:302012-12-10T19:06:03.959+05:30 सुंदर लेखन,बेहतरीन ****^^^^****सस्ती हुई ज़िन्द्... सुंदर लेखन,बेहतरीन ****^^^^****सस्ती हुई ज़िन्द्गगी कितनी, बढ़ी मौत पर मँहगाई है,<br />संसद में बैठे बिल्लों ने, दूध-मलाई ही खाई है,<br />शीला की लुट गई जवानी, मुन्नी भी बदनाम हो गई।<br />जीवन को ढोनेवाली अब, काया भी नाकाम हो गई।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-43414040236250969182012-12-10T18:33:20.340+05:302012-12-10T18:33:20.340+05:30ठिठुरन बढ़ी है, सब बदला बदला लग रहा है।ठिठुरन बढ़ी है, सब बदला बदला लग रहा है।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-66829853942887601342012-12-10T16:56:53.312+05:302012-12-10T16:56:53.312+05:30शीला और मुन्नी की सुनता कौन हैशीला और मुन्नी की सुनता कौन हैKajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टूनhttps://www.blogger.com/profile/12838561353574058176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-6036459482126898842012-12-10T16:48:01.877+05:302012-12-10T16:48:01.877+05:30बेहतर लेखन !!!बेहतर लेखन !!!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-42622605601017065712012-12-10T14:59:35.409+05:302012-12-10T14:59:35.409+05:30बढिया
बहुत सुंदरबढिया<br />बहुत सुंदरमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-71095415908391339782012-12-10T14:36:10.050+05:302012-12-10T14:36:10.050+05:30बहुत बढियां....
:-)बहुत बढियां....<br />:-)मेरा मन पंछी साhttps://www.blogger.com/profile/10176279210326491085noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-57086489976296057022012-12-10T13:24:03.245+05:302012-12-10T13:24:03.245+05:30वाह ... बेहतरीन वाह ... बेहतरीन सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-81285436266930727272012-12-10T12:40:00.595+05:302012-12-10T12:40:00.595+05:30आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार (11-12-2012)...आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल मंगलवार (11-12-2012) के <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">चर्चा मंच</a> पर भी होगी!<br />सूचनार्थ! vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-26529596706820523082012-12-10T11:29:05.170+05:302012-12-10T11:29:05.170+05:30रचना पढते पढते ठिठुरन शुरू ह गयी ...
बहुत ही सुंदर...रचना पढते पढते ठिठुरन शुरू ह गयी ...<br />बहुत ही सुंदरता से बाँधा है शीत को शब्दों में ...<br />नमस्कार शास्त्री जी ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com