tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post2541924691848694852..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: गीतिका "पथ उनको क्या भटकायेगा" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-12755111939326545972017-03-26T14:31:51.492+05:302017-03-26T14:31:51.492+05:30चाहे ग़ज़ल-गीत हो, या फिर दोहा या रूबाई हो
वजन बरा...चाहे ग़ज़ल-गीत हो, या फिर दोहा या रूबाई हो<br />वजन बराबर हो तो, अपना असर बराबर दिखलाते<br /><br />असली “रूप” दिखाता दर्पण, जो औकात बताता सबको<br />जो काँटों में पले-बढ़े हैं, वो ही तो गुलशन महकाते<br /><br />.. बहुत सुन्दर प्रस्तुति कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-52020149401331862622017-03-26T08:43:07.522+05:302017-03-26T08:43:07.522+05:30बहुत सुन्दर।बहुत सुन्दर।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com