tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post5912887387610413246..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: ग़ज़ल "ठिठुरा बदन है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-13024719935007581592019-12-15T18:30:48.618+05:302019-12-15T18:30:48.618+05:30बेहतरीन दोहे आदरणीय।
काँटों की गोदी में, पलता सुमन...बेहतरीन दोहे आदरणीय।<br />काँटों की गोदी में, पलता सुमन है... क्या ख़ूब है सर आपने... वाह👏🏻👏🏻👏🏻अमित निश्छलhttps://www.blogger.com/profile/02115473188696836647noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-74999205204257898182019-12-14T18:08:59.866+05:302019-12-14T18:08:59.866+05:30जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा ...जी नमस्ते,<br /><br /><br /><br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार(१५ -१२ -२०१९ ) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow">"जलने लगे अलाव "(चर्चा अंक-३५५०)</a> पर भी होगी।<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />आप भी सादर आमंत्रित है <br />….<br />अनीता सैनी अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.com