tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post6261906489047367575..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: "गद्यगीत" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-26492383955738713142012-10-04T12:03:03.900+05:302012-10-04T12:03:03.900+05:30बढ़िया गद्य गीत...कुदरत के निराले रंग और हमारे बेढ...बढ़िया गद्य गीत...कुदरत के निराले रंग और हमारे बेढंगे ढंग...Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-20024619928671197622012-10-04T09:19:51.338+05:302012-10-04T09:19:51.338+05:30बढ़िया गद्य गीत लेकिन शास्त्री जी कौवे तो अब सिर्फ...बढ़िया गद्य गीत लेकिन शास्त्री जी कौवे तो अब सिर्फ राजनीति में ही शेष रह गएँ हैं .पारि- तंत्र तो हमने मेट दिए .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-8778457467777517322012-10-04T09:19:37.527+05:302012-10-04T09:19:37.527+05:30बढ़िया गद्य गीत लेकिन शास्त्री जी कौवे तो अब सिर्फ...बढ़िया गद्य गीत लेकिन शास्त्री जी कौवे तो अब सिर्फ राजनीति में ही शेष रह गएँ हैं .पारि- तंत्र तो हमने मेट दिए .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-23386974034019533182012-10-04T08:30:25.165+05:302012-10-04T08:30:25.165+05:30कौऎ तो बस पूरी
सब्जी ही खा पाते हैं
काजू किश्मिश ...कौऎ तो बस पूरी<br />सब्जी ही खा पाते हैं <br />काजू किश्मिश भी<br />बहुत लोग दिखाते हैं<br />बुजुर्ग जिनके घरों के<br />जिंदगी भर जिन्हें<br />नहीं देख पाते हैं !<br />सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-75815513746589707772012-10-04T08:03:39.894+05:302012-10-04T08:03:39.894+05:30कुदरत के निराले रंग , यही हमारे जीने के ढंग !कुदरत के निराले रंग , यही हमारे जीने के ढंग !वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-86053394432894220102012-10-03T22:34:20.213+05:302012-10-03T22:34:20.213+05:30कविता का रस
मन में गया बस
सधे हुए छंद आया आनंद
कविता का रस<br />मन में गया बस<br />सधे हुए छंद आया आनंद<br />मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-76872754585393857992012-10-03T20:22:15.589+05:302012-10-03T20:22:15.589+05:30वस्तुतः 'श्राद्ध और तर्पण'=श्रद्धा +तृप्ति...वस्तुतः 'श्राद्ध और तर्पण'=श्रद्धा +तृप्ति। आशय यह है कि जीवित माता-पिता,सास-श्वसुर एवं गुरु की इस प्रकार श्रद्धा-पूर्वक सेवा की जाये जिससे उनका दिल तृप्त हो जाये। लेकिन पोंगा-पंथियों ने उसका अनर्थ कर दिया और आज उस स्टंट को निबाहते हुये लोग वही कर रहे हैं।vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-32178545961479873402012-10-03T20:11:26.859+05:302012-10-03T20:11:26.859+05:30 जीवन की रंग-बिरंगी व्याख्या करते निराले ढंग
जीवन की रंग-बिरंगी व्याख्या करते निराले ढंग <br /> Aditi Poonamhttps://www.blogger.com/profile/07454848082907747001noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-299447023035158972012-10-03T19:36:34.914+05:302012-10-03T19:36:34.914+05:30प्रस्तुति का लिंक लिंक-लिक्खाड़ पर है ।। प्रस्तुति का लिंक <a href="http://dineshkidillagi.blogspot.in/" rel="nofollow"> लिंक-लिक्खाड़ </a> पर है ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-12989268133019443472012-10-03T19:10:39.112+05:302012-10-03T19:10:39.112+05:30है सटीक यह व्याख्या, फैले जीवन रंग |
रंग- ढंग कुछ ...है सटीक यह व्याख्या, फैले जीवन रंग |<br />रंग- ढंग कुछ नए किन्तु, करते रविकर दंग |रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-3371424932063079372012-10-03T18:51:15.165+05:302012-10-03T18:51:15.165+05:30बहुत बढ़िया....
कुदरत के निराले रंग और हमारे बेढंगे...बहुत बढ़िया....<br />कुदरत के निराले रंग और हमारे बेढंगे ढंग...<br /><br />सादर<br />अनु ANULATA RAJ NAIRhttps://www.blogger.com/profile/02386833556494189702noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-1794312898312033452012-10-03T18:06:14.121+05:302012-10-03T18:06:14.121+05:30यही तो हैं,
हमारे जीवन के ढंग।
बखूबी वर्णन किया श...यही तो हैं,<br />हमारे जीवन के ढंग।<br /><br />बखूबी वर्णन किया शास्त्री जी हमारे निराले ढंग का ...!!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.com