tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post627238939766635692..comments2024-03-25T20:26:21.589+05:30Comments on उच्चारण: "अनोखा संस्मरण" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-85528891598927024442018-12-02T11:13:58.093+05:302018-12-02T11:13:58.093+05:30वीरू साहब की बात चिकित्सकीय अनुभव से सही प्रतीत हो...वीरू साहब की बात चिकित्सकीय अनुभव से सही प्रतीत होती है। अनुभव फिर भी अनुभव है।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-89020584076293155232018-12-02T10:07:55.085+05:302018-12-02T10:07:55.085+05:30
अनोखा संस्मरण एक सीख देती सच्ची घटना है स्वप्न आध...<br />अनोखा संस्मरण एक सीख देती सच्ची घटना है स्वप्न आधारित। मृत्यु जैसा अनुभव तो हम इसे नहीं ही कहेंगे अलबत्ता एक स्वप्न के आलावा एक बात गिरह बाँधने योग्य है। जब भी हमारी लघुशंका के कारण नींद खुलती है वह खाब की प्रावस्था होती है जो बा -मुश्किल अवधि तो डेढ़ दो मिनिट की ही रहती है लेकिन हमारे अनुभव में समय एक बड़े काल खंड में फैला दिखता है। <br /><br />नॉट करें रात को नींद से पेशाब की हाज़त होने पर एक दम से हड़बड़ाकर न उठें। बाईं करवट लें दाहिने हाथ का सहारा लें ,अधलेटे रहते हुए पैर बिस्तर से नीचे लटकाए अब बैठिये पाँव टिकाकर जमीन पर एक मिनिट और भी बैठे रहें बिस्तर पर भले पेशाब का प्रेशर बढ़ता लगे। अब आप धीरे से खड़े होवे सहारा लेकर ही चलें।दीवार का। आपका ब्लड प्रेशर एक दम से गिरेगा नहीं।यही गिरावट मूर्च्छा अर्द्ध मूर्च्छा और हार्ट अटेक यहां तक के आघात (ब्रेन अटेक )की भी हो सकती है।आप रक्त चाप में यकायक आई गिरावट की वजह से भी गिरे हो सकतें हैं गुसल खाने में। <br /><br />बढ़िया आगाह करता संस्मरण। सीख देता है शास्त्री जी का।<br /><br />veerujan.blogspot.com<br />veersa.blogspot.com<br />veeruji05.blogspot.comAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/04532342283593466150noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-40051100129732772862018-12-02T09:21:28.856+05:302018-12-02T09:21:28.856+05:30आश्चर्यचकित करने वाला संस्मरण आश्चर्यचकित करने वाला संस्मरण Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-65220714214197621272018-12-02T02:11:28.919+05:302018-12-02T02:11:28.919+05:30अनोखा संस्मरण एक सीख देती सच्ची घटना है स्वप्न आधा...अनोखा संस्मरण एक सीख देती सच्ची घटना है स्वप्न आधारित। मृत्यु जैसा अनुभव तो हम इसे नहीं ही कहेंगे अलबत्ता एक स्वप्न के आलावा एक बात गिरह बाँधने योग्य है। जब भी हमारी लघुशंका के कारण नींद खुलती है वह खाब की प्रावस्था होती है जो बा -मुश्किल अवधि तो डेढ़ दो मिनिट की ही रहती है लेकिन हमारे अनुभव में समय एक बड़े काल खंड में फैला दिखता है। <br /><br />नॉट करें रात को नींद से पेशाब की हाज़त होने पर एक दम से हड़बड़ाकर न उठें। बाईं करवट लें दाहिने हाथ का सहारा लें ,अधलेटे रहते हुए पैर बिस्तर से नीचे लटकाए अब बैठिये पाँव टिकाकर जमीन पर एक मिनिट और भी बैठे रहें बिस्तर पर भले पेशाब का प्रेशर बढ़ता लगे। अब आप धीरे से खड़े होवे सहारा लेकर ही चलें।दीवार का। आपका ब्लड प्रेशर एक दम से गिरेगा नहीं।यही गिरावट मूर्च्छा अर्द्ध मूर्च्छा और हार्ट अटेक यहां तक के आघात (ब्रेन अटेक )की भी हो सकती है।आप रक्त चाप में यकायक आई गिरावट की वजह से भी गिरे हो सकतें हैं गुसल खाने में। <br /><br />बढ़िया आगाह करता संस्मरण। सीख देता है शास्त्री जी का।<br /><br />veerujan.blogspot.com<br />veersa.blogspot.com<br />veeruji05.blogspot.com Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04532342283593466150noreply@blogger.com