tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post6928564063842314880..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: "धरती आज तरसती है" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-17420822763534819142012-07-25T19:10:53.254+05:302012-07-25T19:10:53.254+05:30"दीन-कृषक है दुखी हुआ, बादल की आँख-मिचौली से।..."दीन-कृषक है दुखी हुआ, बादल की आँख-मिचौली से।<br />पानी अब तक गिरा नही, क्यों आसमान की झोली से?"<br /><br />अर्थ पूर्ण वर्जना.. अति सुंदर..Kewal Joshihttps://www.blogger.com/profile/05259895497389545585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-86160503902128677682012-07-25T12:55:01.080+05:302012-07-25T12:55:01.080+05:30बहुत सुन्दर सार्थक सन्देश परक पंक्तियाँ हर चीज कि ...बहुत सुन्दर सार्थक सन्देश परक पंक्तियाँ हर चीज कि महत्ता समय के अनुसार होती है फसलों को इस वक़्त पानी कि जरूरत है और मेघ राजा हैं कि सुनते ही नहींRajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-68934129396279384562012-07-25T12:12:30.882+05:302012-07-25T12:12:30.882+05:30सुंदर गुहार ....सुंदर गुहार ....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-87027364234032549972012-07-25T10:20:12.228+05:302012-07-25T10:20:12.228+05:30दया करो घनश्याम, सुधा सा अब तो जम करके बरसो।
रिमझि...दया करो घनश्याम, सुधा सा अब तो जम करके बरसो।<br />रिमझिम झड़ी लगा जाओ, अब क्यों करते कल-परसों?<br /><br />बहुत सुंदर !<br />घन श्याम अब तो आ जाओ<br />सूखा आसमान ही नहीं है<br />सब जगह नजर आ रहा है<br />आदमी पानी के अलावा<br />बहुत सी और जगह पर भी <br />प्यासा रह जा रहा है !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-34087124646146210452012-07-24T16:30:56.498+05:302012-07-24T16:30:56.498+05:30दीन-कृषक है दुखी हुआ, बादल की आँख-मिचौली से।
पानी ...दीन-कृषक है दुखी हुआ, बादल की आँख-मिचौली से।<br />पानी अब तक गिरा नही, क्यों आसमान की झोली से?<br /><br />बहुत बढिया प्रस्तुति।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-28013534513059222702012-07-24T13:42:12.643+05:302012-07-24T13:42:12.643+05:30मनुष्य, जीव-जंतु, खेत-खलिहान सभी प्यासे हैं, इस भा...मनुष्य, जीव-जंतु, खेत-खलिहान सभी प्यासे हैं, इस भावपूर्ण गीत को सुनकर अब तो मेघ बरसेगा ही. सुन्दर रचना, बधाई.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-34614376108404504822012-07-24T12:36:59.771+05:302012-07-24T12:36:59.771+05:30बहुत सुंदर............बहुत सुंदर............Dr. sandhya tiwarihttps://www.blogger.com/profile/15507922940991842783noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-66278738331950099072012-07-24T12:31:13.625+05:302012-07-24T12:31:13.625+05:30वाह ... बहुत खूब।
कल 25/07/2012 को आपकी इस पोस्...वाह ... बहुत खूब।<br /><br /><i><b> कल 25/07/2012 को आपकी इस पोस्ट को <a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.com" rel="nofollow"> नयी पुरानी हलचल </a> पर लिंक किया जा रहा हैं.<br /><br />आपके सुझावों का स्वागत है .धन्यवाद! </b></i><br /><br /><b> '' हमें आप पर गर्व है कैप्टेन लक्ष्मी सहगल '' </b>सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-33863756925151918152012-07-24T10:29:26.951+05:302012-07-24T10:29:26.951+05:30सूखे के आसार हैं, बही नहीं जलधार ।
हैं अषाढ़ सावन...सूखे के आसार हैं, बही नहीं जलधार ।<br /><br />हैं अषाढ़ सावन गए, कर भादौं उपकार ।।रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-76111925145423407092012-07-24T10:24:14.554+05:302012-07-24T10:24:14.554+05:30दया करो घनश्याम, सुधा सा अब तो जम करके बरसो।
रिमझि...दया करो घनश्याम, सुधा सा अब तो जम करके बरसो।<br />रिमझिम झड़ी लगा जाओ, अब क्यों करते कल-परसों?<br /><br />ham bhi is prarthna me shamil hain.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-9766928611710916802012-07-24T10:10:45.622+05:302012-07-24T10:10:45.622+05:30सुंदर आग्रह ..खुबसूरत प्रस्तुति...सुंदर आग्रह ..खुबसूरत प्रस्तुति...Maheshwari kanerihttps://www.blogger.com/profile/07497968987033633340noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-66360178910264703082012-07-24T08:51:26.812+05:302012-07-24T08:51:26.812+05:30बरसो मेघ, तरसते बीज, आँख खुलना चाहें...बरसो मेघ, तरसते बीज, आँख खुलना चाहें...प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-2460919888106715762012-07-24T08:35:39.460+05:302012-07-24T08:35:39.460+05:30दीन-कृषक है दुखी हुआ, बादल की आँख-मिचौली से।
पानी ...दीन-कृषक है दुखी हुआ, बादल की आँख-मिचौली से।<br />पानी अब तक गिरा नही, क्यों आसमान की झोली से?<br /><br />intezar hai.Ayaz ahmadhttps://www.blogger.com/profile/09126296717424072173noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-89659039506733749572012-07-23T21:45:29.118+05:302012-07-23T21:45:29.118+05:30बहुत सुंदर, अर्थपूर्ण पंक्तियाँ ....बहुत सुंदर, अर्थपूर्ण पंक्तियाँ .... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-43304142880228086852012-07-23T20:31:12.647+05:302012-07-23T20:31:12.647+05:30दया करो घनश्याम, सुधा सा अब तो जम करके बरसो।
रिमझि...दया करो घनश्याम, सुधा सा अब तो जम करके बरसो।<br />रिमझिम झड़ी लगा जाओ, अब क्यों करते कल-परसों?<br /><br />जन जन की आवाज ही नही समस्त जड़ चेतन <br />की पीड़ा का अनुभव हो रहा है आपकी मार्मिक <br />प्रस्तुति में.<br /><br />आभार,शास्त्री जी.Rakesh Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03472849635889430725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-9509109415148157542012-07-23T20:22:09.583+05:302012-07-23T20:22:09.583+05:30Shastri Sir....कई द्रवित , पीड़ित लोगों की आवाज़ स...Shastri Sir....कई द्रवित , पीड़ित लोगों की आवाज़ सुनाई दे रही है आपकी इस कविता में !<br />सादर !!!Anita Lalit (अनिता ललित ) https://www.blogger.com/profile/01035920064342894452noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-50243973570742409062012-07-23T19:59:45.338+05:302012-07-23T19:59:45.338+05:30sundar guhaar ..!!
shubhkamnayensundar guhaar ..!!<br /><br />shubhkamnayenAnupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-91452400834208282802012-07-23T19:59:33.547+05:302012-07-23T19:59:33.547+05:30समयानुकूल वेदना पूर्ण आग्रह -सुन्दर, मनोहर -बरसों ...समयानुकूल वेदना पूर्ण आग्रह -सुन्दर, मनोहर -बरसों राम धडाके से भ्रष्ट मारें सब फाके से,डूबें गंदे नालें में . कृपया यहाँ भी दस्तक देवें -<br />ram ram bhai<br />सोमवार, 23 जुलाई 2012<br />कैसे बचा जाए मधुमेह में नर्व डेमेज से<br /><br />कैसे बचा जाए मधुमेह में नर्व डेमेज से <br /><br />http://veerubhai1947.blogspot.de/virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-86879567945336548472012-07-23T19:57:52.365+05:302012-07-23T19:57:52.365+05:30नदिया-नाले सूख रहे हैं, जलचर प्यासे-प्यासे हैं।
पौ...नदिया-नाले सूख रहे हैं, जलचर प्यासे-प्यासे हैं।<br />पौधे-पेड़ बिना पानी के, व्याकुल खड़े उदासे हैं।।<br />समयानुकूल वेदना पूर्ण आग्रह -सुन्दर, मनोहर -बरसों राम धडाके से भ्रष्ट मारें सब फाके से,डूबें गंदे नालें में .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-50840029037795303332012-07-23T19:39:46.865+05:302012-07-23T19:39:46.865+05:30बरसो रे मेघा मेघा
बरसो रे मेघा बरसो ..
बहुत सुंदर...बरसो रे मेघा मेघा<br />बरसो रे मेघा बरसो ..<br /><br />बहुत सुंदर आग्रह बादलों से ..<br />सादर !शिवनाथ कुमारhttps://www.blogger.com/profile/02984719301812684420noreply@blogger.com