tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post7234493884617843874..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: “कहीं सो न जाना!” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-7181696767798566242010-06-21T06:18:05.464+05:302010-06-21T06:18:05.464+05:30भाई प्रेमनारायण शर्मा जी!
माफ करना, बाहर गया था अभ...भाई प्रेमनारायण शर्मा जी!<br />माफ करना, बाहर गया था अभी लौटा हूँ!<br />आपकी बात मुझे बिल्कुल भी पसन्द नही आई!<br />यह तो सरासर अमानत में खयानत है!<br />2-4 शब्द बदलने से यह आपकी रचना कैसे हो जायेगी?<br />अब तो सन्देह भी होने लगा है कि आपने कहीं अपनी अन्य रचनाएँ भी इसी प्रकार तो नही लिखी हैं?<br />मेरा सुझाव है कि लिखना हो तो मौलिक लिखो! <br />मेरी रचना में क्यों हेर-फेर करते हो?डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-42983486037715520342010-06-21T06:07:23.723+05:302010-06-21T06:07:23.723+05:30बहुत खूबसूरत रचना | किसी की कविता से खेलना बहुत त...बहुत खूबसूरत रचना | किसी की कविता से खेलना बहुत तुच्छ कार्य लगा |ऐसे लोगों का प्रयास हास्य प्रद है |<br />आशाAsha Lata Saxenahttps://www.blogger.com/profile/16407569651427462917noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-56239062893476470422010-06-21T06:02:58.387+05:302010-06-21T06:02:58.387+05:30comment from buzz...
पद्म सिंह Padm Singh - मै यह...comment from buzz...<br />पद्म सिंह Padm Singh - मै यह निस्संदेह कहना चाहता हूँ कि पहले तो जिन भाई ने इसे संशोधित किया है ... तो अभी उन्हें रचना कर्म का कोई ज्ञान नहीं है ... अच्छी खासी रचना की ऐसी तैसी कर के डाल दी है ... अगर कुछ उन्हें गलत लग रहा था तो मूल रचनाकार से अनुरोध कर सकते थे ... ऐसा करना बेहूदगी से कम नहीं!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-63498224637219817472010-06-18T00:16:45.500+05:302010-06-18T00:16:45.500+05:30प्रेरक कविता |प्रेरक कविता |डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-51378417946384678232010-06-17T22:42:44.854+05:302010-06-17T22:42:44.854+05:30चमक और दमक में, कहीं खो न जाना!
कलम के मुसाफिर, कह...चमक और दमक में, कहीं खो न जाना!<br />कलम के मुसाफिर, कहीं सो न जाना!<br /><br />जलाना पड़ेगा, तुम्हें दीप जगमग,<br />दिखाना पड़ेगा, जग को सही मग,<br />इस जग से बेरूख, कहीं हो न जाना!<br />कलम के मुसाफिर..........!!<br /><br /><br />सिक्कों की खातिर कलम बेचना मत,<br />हार करके आखिर कलम फेंकना मत, <br />देख हालत जहाँ की, कहीं रो न जाना!<br />कलम के मुसाफिर..........!!<br /><br />झूठों की करना, कभी मत हिमायत,<br />अमानत में करना, कभी मत ख़यानत,<br />भूलके भी ऐसा बीज, कहीं बो न जाना! <br />कलम के मुसाफिर............!! <br /><br />भाई जी,<br />मेरी कोशिश देखें अच्छी लगी तो जरूर अपनाएं. धन्यबाद.Prem Farukhabadihttps://www.blogger.com/profile/05791813309191821457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-61037161560244902112010-06-17T17:58:30.562+05:302010-06-17T17:58:30.562+05:30वाह...प्रेरणादायक बहुत ही सुन्दर रचना....वाह...प्रेरणादायक बहुत ही सुन्दर रचना....रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-38959038138590970812010-06-17T13:21:38.807+05:302010-06-17T13:21:38.807+05:30सुन्दर शब्दों के साथ दिल को छूते भाव बेहतरीन ।सुन्दर शब्दों के साथ दिल को छूते भाव बेहतरीन ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-15547361494340941162010-06-17T12:44:05.849+05:302010-06-17T12:44:05.849+05:30प्रेरक कविता | अच्छी शिक्षा देती है |प्रेरक कविता | अच्छी शिक्षा देती है |tension pointhttps://www.blogger.com/profile/02092866969143339658noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-43542258478679165282010-06-17T12:04:45.175+05:302010-06-17T12:04:45.175+05:30झूठों की करना कभी मत हिमायत,
अमानत में करना कभी मत...झूठों की करना कभी मत हिमायत,<br />अमानत में करना कभी मत ख़यानत,<br />हकीकत से अपना न दामन बचाना!<br />कलम के मुसाफिर...................!<br />बहुत सुन्दर प्रेरक गीत बधाई ।अप तो लुधियाना जाने वाले थी शायद।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-59952501672501364752010-06-17T11:40:28.446+05:302010-06-17T11:40:28.446+05:30झूठों की करना कभी मत हिमायत,
अमानत में करना कभी मत...झूठों की करना कभी मत हिमायत,<br />अमानत में करना कभी मत ख़यानत,<br />हकीकत से अपना न दामन बचाना!<br />कलम के मुसाफिर...................!!<br /><br />बहुत खूब... मगर हम तो सोने चले शास्त्री जी !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com