tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post7501046737334108599..comments2024-03-25T20:26:21.589+05:30Comments on उच्चारण: “लगता है बसन्त आया है!” (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री “मयंक”)डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-33236458222642172372010-01-29T07:28:32.871+05:302010-01-29T07:28:32.871+05:30बहुत अच्छी कविता।बहुत अच्छी कविता।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-14058557910718455872010-01-29T00:58:33.583+05:302010-01-29T00:58:33.583+05:30बहुत ही सुन्दर कविता...बसन्त का आगमन तो हो चुका ले...बहुत ही सुन्दर कविता...बसन्त का आगमन तो हो चुका लेकिन पता नहीं यहाँ ब्लागजगत में बसन्त कब आएगा। अभी तक तो पतझड छाया हुआ है :)Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-32639311196046327922010-01-28T18:47:10.080+05:302010-01-28T18:47:10.080+05:30शास्त्री जी,
'पिकी पुकारती रही, पुकारते धरा-गग...शास्त्री जी,<br />'पिकी पुकारती रही, पुकारते धरा-गगन,<br />मगर कहीं नहीं रुके वसंत के चपल चरण !<br />वसंत एक गीत है, वसंत एक गान है,<br />जगत-सरोज में सुगंधि का मधुर विहान है !!'<br /><br />अपने चपल चरणों से आकर वसंत आपकी इस कविता में मूर्त्त हो गया है और सुगंधि का मधुर विहान दृष्टिगोचर हो रहा है !<br />बधाई हो हम सबों को !<br />सादर--आ.आनन्द वर्धन ओझाhttps://www.blogger.com/profile/03260601576303367885noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-88657605807071609192010-01-28T16:50:17.651+05:302010-01-28T16:50:17.651+05:30आया है जरूर, पर चुपके से। गदराया नहीं, कोहरे में ल...आया है जरूर, पर चुपके से। गदराया नहीं, कोहरे में लिपटा है!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-82193430385017770142010-01-28T15:04:51.365+05:302010-01-28T15:04:51.365+05:30बहुत सुंदर लगा आप का यह बसंत, सुंदर चित्र से कविता...बहुत सुंदर लगा आप का यह बसंत, सुंदर चित्र से कविता मै ओर भी बसंत के रंग भर गयेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-84721431769784061902010-01-28T14:27:57.169+05:302010-01-28T14:27:57.169+05:30हमने तो देख भी लिया आपकी रचनाओं में.हमने तो देख भी लिया आपकी रचनाओं में.भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-42774332077863403882010-01-28T12:46:15.479+05:302010-01-28T12:46:15.479+05:30आपकी रचना को पढ़कर मैंने ये महसूस किया कि सही में ...आपकी रचना को पढ़कर मैंने ये महसूस किया कि सही में बसंत आ गया है! एक से बढ़कर एक चित्र लगाये हैं आपने और साथ में सुन्दर पंक्तियाँ मिलकर कविता की रौनक बढ़ गयी!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-43220146376548484112010-01-28T11:56:42.752+05:302010-01-28T11:56:42.752+05:30basant ka swagat bahut hi sundar dhang se kiya hai...basant ka swagat bahut hi sundar dhang se kiya hai.......bahut sundar kavita.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-15707564924720750842010-01-28T11:13:09.141+05:302010-01-28T11:13:09.141+05:30अब तो लग ही रहा है कि बसन्त आ गया है। वो बात अलग ...अब तो लग ही रहा है कि बसन्त आ गया है। वो बात अलग है कि दिल्ली में कोहरा छाया है। बढिया पोस्ट, बधाई।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-88905463578770799362010-01-28T10:39:16.405+05:302010-01-28T10:39:16.405+05:30आपकी बसंती कविता पड़ कर,
मन में मेरे भी बसंत आया :...आपकी बसंती कविता पड़ कर, <br />मन में मेरे भी बसंत आया :)<br />आभार ....!!रानीविशालhttps://www.blogger.com/profile/15749142711338297531noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-50261349491853736112010-01-28T09:55:15.583+05:302010-01-28T09:55:15.583+05:30टेसू की डालियाँ फूलतीं,
कानों में बालियाँ झूलतीं,...टेसू की डालियाँ फूलतीं, <br />कानों में बालियाँ झूलतीं, <br />लगता है बसन्त आया है! <br />वाह, लग तो हमें भी रहा हैकी वसंत अ गया है , बहुत सुन्दर शास्त्री जी !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-71969320085869281892010-01-28T09:09:57.342+05:302010-01-28T09:09:57.342+05:30हमें तो आपकी रचना पढ़्कर:
लगता है बसन्त आया है!
...हमें तो आपकी रचना पढ़्कर:<br /><br />लगता है बसन्त आया है!<br /><br />:)Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-7679829160537438582010-01-28T08:58:20.702+05:302010-01-28T08:58:20.702+05:30इन्द्र धनुषी रंगो मे सजकर ॠतुराज स्वयं आया है।
रंग...इन्द्र धनुषी रंगो मे सजकर ॠतुराज स्वयं आया है।<br />रंग बिरंगे फ़ुलो की खुशबु से सारा उपवन महकाया है।<br /><br />आज तो बसंत आया है।<br /><br />आभारब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-22350320337077976442010-01-28T08:55:42.165+05:302010-01-28T08:55:42.165+05:30लगता क्यों है मंयक जी बसन्त तो आया ही है और आपकी क...लगता क्यों है मंयक जी बसन्त तो आया ही है और आपकी कविता मे महक रहा है बधाई इस सुन्दर कविता के लियेनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.com