tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post8689189249721035956..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: दोहे "फसलें हैं तैयार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-44253188599536067242018-03-07T12:24:55.911+05:302018-03-07T12:24:55.911+05:30पीपल गदराया हुआ, बौराया है आम।
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करती कुदरत स...पीपल गदराया हुआ, बौराया है आम।<br />......<br />करती कुदरत समय पर, अपने सारे काम।।<br />प्रकृति अपने काम में कोताही नहीं बरतती है <br />बहुत सुन्दर कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-71278091403058934602018-03-06T16:18:37.426+05:302018-03-06T16:18:37.426+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (07...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (07-03-2018) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in//" rel="nofollow"> ) "फसलें हैं तैयार" (चर्चा अंक-2902) </a> पर भी होगी।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />--<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />राधा तिवारीradha tiwari( radhegopal)https://www.blogger.com/profile/09630389878761098417noreply@blogger.com