tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post994492811599102797..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: "रौशनी की हम कतारें ला रहे हैं" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-49615227544592924902013-10-31T00:18:33.909+05:302013-10-31T00:18:33.909+05:30
कर्तव्य की करता न कोई होड़ है,
अब मची अधिकार की ...<br /><br />कर्तव्य की करता न कोई होड़ है,<br />अब मची अधिकार की ही दौड़ है।<br />सभ्यता का भाव बौना हो गया.<br />आवरण कितना घिनौना हो गया।<br />संक्रमण के इस भयानक दौर में,<br />दम्भ-लालच आदमी को खा रहे हैं।<br /><br />शानदार सार्थक दिवाली चिंतन। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-22623019306215886372013-10-29T20:45:09.022+05:302013-10-29T20:45:09.022+05:30वाह बहुत सुंदर !वाह बहुत सुंदर !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-17869187959058752642013-10-29T19:03:33.208+05:302013-10-29T19:03:33.208+05:30दीपकों की बातियों को तेल का अवलेह दो,
जगमगाने के ल...दीपकों की बातियों को तेल का अवलेह दो,<br />जगमगाने के लिए भरपूर इनको नेह दो।<br />चहकती दीपावली हर द्वार पर हों<br />महकती लड़ियाँ सजीं दीवार पर हों।<br />शारदा-लक्ष्मी-गजानन देव को,<br />स्वच्छ-सुन्दर नीड़ ज्यादा भा रहे हैं।<br />.बहुत सुन्दर भावपूर्ण रचना ....<br />दीप पर्व मंगल कामनाएं ! कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.com