बस एक मुलाकात में, ही शेर गढ़ लिया।
आँखों में आँख डाल करके, प्यार पढ़ लिया।।
भावनाओं ने नयी भाषा निकाल ली,
कामनाओं ने भी दिलासा निकाल ली,
दुर्गम पहाड़ियों पे, तेरा यार चढ़ लिया।
आँखों में आँख डाल करके, प्यार पढ़ लिया।।
मैने गगन से एक आफताब पा लिया,
बदली से मैंने एक माहताब पा लिया,
रस्मो-रिवाज तोड़के, उस पार बढ़ लिया।
आँखों में आँख डाल करके, प्यार पढ़ लिया।।
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जवाब देंहटाएंबस एक मुलाकात में ही
जवाब देंहटाएंप्यार कर लिया!
हर पल साथ निभाने का
करार कर लिया!
बढ़िया लगी आपकी भावाभियक्ति !!
जवाब देंहटाएंkya baat hai aapki to........ek mulaqat mein hi itna badhiya sher gadh liya........bahut badhiya.
जवाब देंहटाएंmulaqat khoob rang layi
pyar ki bhasha padha gayi
aankhon hi aankhon mein
kya haal bana gayi
शास्त्री जी को प्रणाम, रचना की तारीफ़ में क्या कहूँ सभी कह रहे हैं
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर है जी.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत बढीया..
जवाब देंहटाएंवाह शास्त्री जी.........आपकी लाजवाब रचना है
जवाब देंहटाएंसीधे दिल में उतरती है ..........