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कल्पना का सूर्य मन पर छा गया है।
जवाब देंहटाएंअलख हमको भी जगाना आ गया है।।
...सुन्दर, भावपुर्ण.....
बिल्कुल सर..
जवाब देंहटाएंमानसिकता को जगाने के लिए,
जवाब देंहटाएंज्ञान की सरिता बहाने के लिए,
अब हमें उत्सव मनाना आ गया है।
अलख हमको भी जगाना आ गया है।।
अति सुन्दर शास्त्री जी
मातृभाषा की सजा कर अल्पना,
जवाब देंहटाएंरंग भरने को चली परिकल्पना,
शुभान अल्लाह!!
अति सुन्दर शास्त्री जी !!
जवाब देंहटाएंमातृभाषा की सजा कर अल्पना,
जवाब देंहटाएंरंग भरने को चली परिकल्पना,
भारती के गान गाना आ गया है ..
देश प्रेम के रंग में रची अनुपम रचना ... बहुत ही सुंदर ...
रश्मियों ने रूप हिन्दी का निखारा
जवाब देंहटाएंसूर, तुलसीदास ने इसको सँवारा,
शब्द के पौधे उगाना आ गया है।
अलख हमको भी जगाना आ गया है।।
बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति....
मानसिकता को जगाने के लिए,
जवाब देंहटाएंज्ञान की सरिता बहाने के लिए,
अब हमें उत्सव मनाना आ गया है।
अलख हमको भी जगाना आ गया है।।
बहुत ख़ूबसूरत पंक्तियाँ! शानदार और भावपूर्ण रचना!
bahut aachi lagi dhekh har .......
जवाब देंहटाएंmeine aapne friends ko bhi dhikyae
"BEST OF lUCK"
nice
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर, शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
nice
जवाब देंहटाएंभाभी जी की आवाज़ ने
जवाब देंहटाएंगीत को और भी सुंदर बना दिया!
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रंग-रँगीला जोकर
माँग नहीं सकता न, प्यारे-प्यारे, मस्त नज़ारे!
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संपादक : सरस पायस
अति सुंदर बधाई
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