हमारा आवरण जिसने, सजाया और सँवारा है, हसीं पर्यावरण जिसने, बनाया और निखारा है। बहुत आभार है उसका, बहुत उपकार है उसका, दिया माटी के पुतले को, उसी ने प्राण प्यारा है।। बहाई ज्ञान की गंगा, मधुरता ईख में कर दी, कभी गर्मी, कभी वर्षा, कभी कम्पन भरी सरदी। किया है रात को रोशन, दिये हैं चाँद और तारे, अमावस को मिटाने को, दियों में रोशनी भर दी।। दिया है दुःख का बादल, तो उसने ही दवा दी है, कुहासे को मिटाने को, उसी ने तो हवा दी है। जो रहते जंगलों में, भीगते बारिश के पानी में, उन्ही के वास्ते झाड़ी मे कुटिया सी छवा दी है।। सुबह और शाम को मच्छर सदा गुणगान करते हैं, जगत के उस नियन्ता को, सदा प्रणाम करते हैं। मगर इन्सान है खुदगर्ज कितना आज के युग में , विपत्ति जब सताती है, नमन शैतान करते है।। |
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गुरुवार, 22 अप्रैल 2010
" नमन शैतान करते है।" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")
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बहाई ज्ञान की गंगा, मधुरता ईख में कर दी,
जवाब देंहटाएंकभी गर्मी, कभी वर्षा, कभी कम्पन भरी सरदी।
किया है रात को रोशन, दिये हैं चाँद और तारे,
अमावस को मिटाने को, दियों में रोशनी भर दी।।
बहुत सुंदर रचना. शुभकामनाएं.
रामराम.
ईश्वर की वंदना के साथ साथ...इंसान की फितरत को बताती सुन्दर रचना.....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंbahut khub
shekhar kumawat
http://kavyawani.blogspot.com/
सही कहा, ईश्वर के बनाये हुये पुतले ही हैं हम सब.
जवाब देंहटाएंबहाई ज्ञान की गंगा, मधुरता ईख में कर दी,
जवाब देंहटाएंकभी गर्मी, कभी वर्षा, कभी कम्पन भरी सरदी।
किया है रात को रोशन, दिये हैं चाँद और तारे,
अमावस को मिटाने को, दियों में रोशनी भर दी।।
sarveshwar ko naman karti bahut hi sundar rachna.
बहुत बढ़िया बेहतरीन कहा आपने ..शुक्रिया
जवाब देंहटाएंदिया है दुःख का बादल, तो उसने ही दवा दी है,
जवाब देंहटाएंकुहासे को मिटाने को, उसी ने तो हवा दी है।
जो रहते जंगलों में, भीगते बारिश के पानी में,
उन्ही के वास्ते झाड़ी मे कुटिया सी छवा दी है।।
बहुत सुंदर पंक्तियाँ..... दिल को छू गयीं...
आभार..
बहुत सुंदर रचना, शुभकामनाएं|
जवाब देंहटाएंअति सुंदर रचना जी
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सार्थक रचना है डाक्टसा...
जवाब देंहटाएंsundar panktiyaan!
जवाब देंहटाएंबहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने ! दिल को छू गयी आपकी ये शानदार रचना!
जवाब देंहटाएंकवि का सत्य से साक्षात्कार दिलचस्प है।
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना है ! बधाई ! इन्सान को भगवान से ज्यादा शैतान पसंद है क्या करें ...
जवाब देंहटाएं