तुकबन्दी से फलता उपवन
स्वर-व्यञ्जन ही
तो है जीवन
शब्दों को मन में
उपजाओ
फिर इनसे कुछ
वाक्य बनो
सन्देशों से खिलता
गुलशन
स्वर व्यञ्जन ही तो है जीवन
स्वर-व्यञ्जन ही तो है जीवन
तुकबन्दी मादक-उन्मादी
बन्दी में होती आजादी
सुख
बरसाता रहता सावन
स्वर-व्यञ्जन ही तो है जीवन
आता
नहीं बुढ़ापा जिसको
तुकबन्दी
कहते हैं उसको
छाया रहता
जिस पर यौवन
स्वर-व्यञ्जन ही तो है जीवन
दुर्जन
के प्रति भरा निरादर
महामान्य
का करती आदर
तुकबन्दी
से होता वन्दन
तुकबन्दी
मनुहार-प्यार है
यह महकता हुआ हार है
तुकबन्दी
होती चन्दन-वन
स्वर-व्यञ्जन ही तो है जीवन
शायर
की यह गीत–ग़ज़ल है
सरिताओं
की यह कल-कल है
योगी-सन्यासी
का आसन
स्वर-व्यञ्जन ही तो है जीवन
तुकबन्दी
बिन जग है सूना
यही उदाहरण,
यही नमूना
तुकबन्दी
में है अपनापन
स्वर-व्यञ्जन ही तो है जीवन
तुकबन्दी
बिन काव्य अधूरा
मज़ा
नहीं मिलता है पूरा
तुकबन्दी
से होता गायन
स्वर-व्यञ्जन ही तो है जीवन
अगर शान
से जीना चाहो
तुकबन्दी
को ही अपनाओ
खोलो
तो मुख का वातायन
स्वर-व्यञ्जन ही तो है जीवन
|
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शनिवार, 28 सितंबर 2013
"तुकबन्दी को ही अपनाओ" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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जवाब देंहटाएंस्वर-व्यञ्जन ही तो है जीवन
बुत सुन्दर !
lataest post नई रौशनी !
नई पोस्ट साधू या शैतान
स्वर-व्यञ्जन ही तो है जीवन
जवाब देंहटाएंबहुत सही कहा आपने ...
सुन्दर प्रस्तुति आदरणीय-
जवाब देंहटाएंशुभकामनायें-
शास्त्री जी सही कहा आपने ....
जवाब देंहटाएंअपना तो बस एक सहारा
तुकबंदी है आसरा हमारा .......आभार!
नमस्कार आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (22-09-2013) के चर्चामंच - 1383 पर लिंक की गई है कृपया पधारें. सूचनार्थ
जवाब देंहटाएंतुकहन्दी का अर्थ नही समझ आया,,,,
जवाब देंहटाएंनई रचना : सुधि नहि आवत.( विरह गीत )
तुकहन्दी ?
हटाएंलय ताल बनी रहे शब्दों की..बहुत ही सुन्दर।
जवाब देंहटाएंसही कहा आपने | सादर |
जवाब देंहटाएंस्वर-व्यञ्जन ही तो है जीवन....सच कहा आपने पूरा जीवन यही तो है...बहुत अच्छी कविता..हार्दिक बधाई और आभार;-))
जवाब देंहटाएंशब्दों को मन में उपजाओ
जवाब देंहटाएंफिर इनसे कुछ वाक्य बनो
सन्देशों से खिलता गुलशन
स्वर व्यञ्जन ही तो है जीवन
बहुत सुन्दर रचना है कृपया इस पंक्ति को संशोधित कर लें -
फिर इनसे कुछ वाक्य बनो(बनाओ करें कृपया )
Badlaav ka rhyming word plz
जवाब देंहटाएंBadlaav ka rhyming word plz
जवाब देंहटाएं