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सात सुरों के योग से, बन जाता संगीत।
योग हमारी सभ्यता, योग हमारी रीत।१।
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अगर चाहते आप हो, पास न आये रोग।
रोज सुबह कर लीजिए, ध्यान लगा कर योग।।
मत-मज़हब का है नहीं, जिससे कुछ अनुबन्ध।
रखना ऐसे योग से, जीवन भर सम्बन्ध।।
मधुर कण्ठ से ही सदा, अच्छा लगता गीत।
योग हमारी सभ्यता, योग हमारी रीत।२।
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सन्त हमारे देश के, अगर छोड़ दें भोग।
नहीं अदालत में चले, फिर उन पर अभियोग।।
सत्य-सनातन योग की, महिमा बड़ी अनन्त।
योगी को ही समझिए, अब तो असली सन्त।।
जो सिखलाता योग को, वो होता है मीत।
योग हमारी सभ्यता, योग हमारी रीत।३।
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धन से हो जाता नहीं, कोई बहुत अमीर।
जग में वो धनवान है, जिसका स्वस्थ शरीर।।
दूषण फैला हर जगह, फैले घातक रोग।
शमन करेगा रोग को, जग में केवल योग।।
अपना आज सँवार लो, कर लो कर्म पुनीत।
योग हमारी सभ्यता, योग हमारी रीत।४।
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बिगड़ गया वातावरण, बिगड़ा आज चरित्र।
ऐसे में तो योग ही, तन-मन करे पवित्र।।
दीर्घ आयु का विश्व में, एक मात्र आधार।
तभी जगत ने लिया, योगदिवस स्वीकार।।
मौसम के उपहार हैं, गरमी-पावस-शीत।
योग हमारी सभ्यता, योग हमारी रीत।५।
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सात सुरों के योग से, बन जाता संगीत।
योग हमारी सभ्यता, योग हमारी रीत।।
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शनिवार, 20 जून 2020
दोहागीत "जग में केवल योग" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा सोमवार (22-06-2020) को 'कैनवास में आज कुसुम कोठारी जी की रचनाएँ' (चर्चा अंक-3740) पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्त्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाए।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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-रवीन्द्र सिंह यादव
बहुत सुंदर सृजन आदरणीय।
जवाब देंहटाएंसार्थक योग का महत्व समझाते सुंदर दोहे।
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल .मंगलवार (22 -6-21) को "योग हमारी सभ्यता, योग हमारी रीत"(चर्चा अंक- 4103) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंयोग की उपयोगिता को पदर्शित करने वाले हितकारी, रोचक और सरस दोहे !
जवाब देंहटाएंमौसम के उपहार हैं, गरमी-पावस-शीत।
जवाब देंहटाएंयोग हमारी सभ्यता, योग हमारी रीत।५।---बहुत ही गहन रचना आदरणीय।
'बहुत अच्छी सामयिक रचना प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंवन्दन
जवाब देंहटाएंसुन्दर रचना
योग की प्रेरणा देती सुंदर रचना।आदरणीय शास्त्री जी आपको मेरा नमन।
जवाब देंहटाएं