tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post1130447496101422378..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: गीत "कैसे गुमसुम हो जाऊँ मैं" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-37435588582533555362022-01-22T15:52:25.917+05:302022-01-22T15:52:25.917+05:30सार्थक अभिव्यक्ति आ0सार्थक अभिव्यक्ति आ0anita _sudhirhttps://www.blogger.com/profile/15009341605719883004noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-72741275869534839312022-01-22T14:54:59.166+05:302022-01-22T14:54:59.166+05:30कैसे तन और मन हो निर्मल,
मैली गंगा की धारा,
कंकरीट...कैसे तन और मन हो निर्मल,<br />मैली गंगा की धारा,<br />कंकरीट की देख फसल को,<br />कृषक बन गया बे-चारा,<br />धरा-धाम और जल-जीवन से,<br />मेरा भी तो नाता है।<br />स्याही नहीं लेखनी में अब,<br />खून उतरकर आता है।।<br />सुन्दर अभिव्यक्ति आदरणीय । दीपक कुमार भानरेhttps://www.blogger.com/profile/14512403306123301731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-60609724161053575262022-01-22T12:04:31.551+05:302022-01-22T12:04:31.551+05:30मान्यवर, अपनी लेखनी को विश्राम मत दीजिए.
जन-जागृत...मान्यवर, अपनी लेखनी को विश्राम मत दीजिए. <br />जन-जागृति के लिए आपकी कलम की सेवाएँ आवश्यक हैं. गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-46595134636474294982022-01-22T10:48:44.197+05:302022-01-22T10:48:44.197+05:30बहुत ही सुन्दर सार्थक रचना आदरणीय 🙏🙏बहुत ही सुन्दर सार्थक रचना आदरणीय 🙏🙏Abhilashahttps://www.blogger.com/profile/06192407072045235698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-87443820406621015062022-01-22T10:44:06.322+05:302022-01-22T10:44:06.322+05:30लज्जा लुटती देख नारि की,
कैसे चुप हो जाऊँ मैं,
हाल...लज्जा लुटती देख नारि की,<br />कैसे चुप हो जाऊँ मैं,<br />हालत देख किसानों की,<br />कैसे गुमसुम हो जाऊँ मैं,<br />मातृमूमि से गद्दारी को,<br />सहन न मन कर पाता है।<br />स्याही नहीं लेखनी में अब,<br />खून उतरकर आता है।।<br />एक सच्चा और संवेदनशील साहित्यकार कभी भी ऐसे मुद्दों पर चुप्पी नहीं साध सकता! वह हर ऐसे मुद्दे पर खुलकर बोलता ही है ! <br />बहुत ही उम्दा सृजन... <br />इस बेहतरीन सृजन के लिए आभार🙏<br />नमन् 🙏Manisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-16037038713220098342022-01-21T17:43:12.431+05:302022-01-21T17:43:12.431+05:30जी नमस्ते ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल...जी नमस्ते ,<br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (२२-०१ -२०२२ ) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"><br />'वक्त बदलते हैं , हालात बदलते हैं !'(चर्चा अंक-४३१३)</a> पर भी होगी।<br />आप भी सादर आमंत्रित है। <br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-55469166117456723122022-01-21T15:13:33.647+05:302022-01-21T15:13:33.647+05:30एक संवेदनशील साहित्यकार समाज में हो रहे अन्याय को ...एक संवेदनशील साहित्यकार समाज में हो रहे अन्याय को देखकर चुप कैसे रह सकता है Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.com