tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post1235671131733667227..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: "गीत-हम प्यार पो रहे हैं" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-45941280110739484152015-01-05T09:51:00.409+05:302015-01-05T09:51:00.409+05:30माला के तार में भी, हम प्यार पो रहे हैं।
हम गीत और...माला के तार में भी, हम प्यार पो रहे हैं।<br />हम गीत और गजल के, उद्गार ढो रहे हैं।। <br />बढ़िया...<br />Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-4971921320374726602015-01-05T09:22:09.782+05:302015-01-05T09:22:09.782+05:30शास्त्री जी बहुत अच्छा लिखा है और आप सच में ही ......शास्त्री जी बहुत अच्छा लिखा है और आप सच में ही ...उनको जगा रहे हैं, जो हार सो रहे हैं।<br />mohan intzaarhttps://www.blogger.com/profile/01892478820687714901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-8135799183607282052015-01-05T09:21:42.435+05:302015-01-05T09:21:42.435+05:30शास्त्री जी बहुत अच्छा लिखा है और आप सच में ही ......शास्त्री जी बहुत अच्छा लिखा है और आप सच में ही ...उनको जगा रहे हैं, जो हार सो रहे हैं।<br />mohan intzaarhttps://www.blogger.com/profile/01892478820687714901noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-7166226556973316512015-01-04T17:21:44.642+05:302015-01-04T17:21:44.642+05:30तूफान-आँधियों में, हमने दिये जलाये,
फानूस बन गये ह...तूफान-आँधियों में, हमने दिये जलाये,<br />फानूस बन गये हम, जब दीप झिलमिलाये,<br />हम प्रीत के सुजल से, संसार धो रहे हैं।<br />हम गीत और ग़ज़ल के, उद्गार ढो रहे हैं।।<br />बहुत सुंदर रचना. राजीव कुमार झा https://www.blogger.com/profile/13424070936743610342noreply@blogger.com