tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post1609613464636583686..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: गीत "तितली है फूलों से मिलती" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-57646231834853548162021-03-03T20:58:08.295+05:302021-03-03T20:58:08.295+05:30प्रकृति का सुंदर चित्रण करती मनमोहक सृजन आदरणीय सर...प्रकृति का सुंदर चित्रण करती मनमोहक सृजन आदरणीय सर,सादर नमन Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-4319077646161867522021-03-03T19:31:37.696+05:302021-03-03T19:31:37.696+05:30--
बौरायें हैं सारे तरुवर, पहन सुमन के हार।
मोह रह...--<br />बौरायें हैं सारे तरुवर, पहन सुमन के हार।<br />मोह रहा है सबके मन को बासन्ती शृंगार।।<br />--<br />गदराई है डाली-डाली,<br />चारों ओर सजी हरियाली,<br />कुहुक रही है कोयल काली, <br />नीम-बेर-बेलों पर भी आया है नया निखार।<br />मोह रहा है सबके मन को बासन्ती शृंगार।।<br />--<br />बहुत सुंदर<br /> मनभावन।<br /> सादर नमन। सधु चन्द्रhttps://www.blogger.com/profile/03218271250912628033noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-72107990236369933402021-03-03T10:40:32.686+05:302021-03-03T10:40:32.686+05:30बसंती मौसम की मनभावन छवि बसंती मौसम की मनभावन छवि Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-12337701246929781312021-03-03T09:48:51.926+05:302021-03-03T09:48:51.926+05:30ऋतु परिवर्तन के सुंदर मोहक दृश्य, साथ ही गतिमान रह...ऋतु परिवर्तन के सुंदर मोहक दृश्य, साथ ही गतिमान रहने का संदेश। बहुत सुंदर रचना। सादर प्रणाम।Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-14605680940345614442021-03-03T09:32:27.635+05:302021-03-03T09:32:27.635+05:30प्रकृति के मोहक दृश्यों को दर्शाती कविता....बहुत स...प्रकृति के मोहक दृश्यों को दर्शाती कविता....बहुत सुन्दर....विकास नैनवाल 'अंजान'https://www.blogger.com/profile/09261581004081485805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-8640556157722596392021-03-03T08:03:37.783+05:302021-03-03T08:03:37.783+05:30मनोरम सृजन ।मनोरम सृजन ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-92005649563469458352021-03-03T07:29:58.044+05:302021-03-03T07:29:58.044+05:30प्रकृति के सौंदर्य को निखारती सुन्दर कविता, मुग्ध ...प्रकृति के सौंदर्य को निखारती सुन्दर कविता, मुग्ध करती है नमन सह। Shantanu Sanyal शांतनु सान्यालhttps://www.blogger.com/profile/06457373513221191796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-20378840166081353862021-03-03T07:00:11.258+05:302021-03-03T07:00:11.258+05:30बसंत का बहुत ही सुन्दर चित्रण मनोहारी रचनाबसंत का बहुत ही सुन्दर चित्रण मनोहारी रचनाAbhilashahttps://www.blogger.com/profile/06192407072045235698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-49944692174724993882021-03-03T05:22:01.833+05:302021-03-03T05:22:01.833+05:30बहुत सुन्दर बहुत सुन्दर Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-68831534398025774672021-03-02T15:41:32.872+05:302021-03-02T15:41:32.872+05:30"चरैवेति" पर टिका हुआ है सारा ही संसार।
..."चरैवेति" पर टिका हुआ है सारा ही संसार।<br />मोह रहा है सबके मन को बासन्ती शृंगार।।<br /><br /> ऐतरेय ब्राह्मण ऋग्वेद की ऋचाओं पर आधारित वैदिक कर्मकांडों से संबंधित ग्रंथ है। उसमें एक कथा का उल्लेख है इक्ष्वाकुवंशीय राजा हरिश्चन्द्र और उनके पुत्र रोहित से संबंधित। उस कथा में पांच श्लोकों का उल्लेख है, जिनके अंतिम चरण का अंत “चरैवेति” से होता है, चरैवेति यानी चलते रहो, चलते रहो...सचमुच चरैवेति अर्थात् गति पर सारा संसार टिका है। सूर्य, चंद्रमा, धरत किसी को भी पल भर विश्राम नहीं। इनके रुकने का अर्थ है प्रलय...<br /><br />तितली और फूलों के माध्यम से व्यक्त यह अद्भुत गीत जिसमें प्रकृति भी है, लय, छंद भी है, प्रेम भी है और आध्यात्म भी... बहुत सुंदर और हृदयग्राही है।<br />साधुवाद आदरणीय 🙏<br /><br />हार्दिक शुभकामनाओं सहित,<br />सादर,<br />डॉ. वर्षा सिंहDr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-40750029049859686562021-03-02T15:34:14.154+05:302021-03-02T15:34:14.154+05:30निर्मल जल की धारा बहती,
कभी न थकती चलती रहती,
नदिय...निर्मल जल की धारा बहती,<br />कभी न थकती चलती रहती,<br />नदिया तालाबों से कहती,<br />"चरैवेति" पर टिका हुआ है सारा ही संसार।<br />मोह रहा है सबके मन को बासन्ती शृंगार।।<br /><br />प्रकृति में निबद्ध जीवन संदेश को रेखांकित करती आपकी इस अत्यंत सुंदर वासंतिक रचना के लिए आपको सादर नमन 🌹🙏🌹<br />- डॉ शरद सिंहDr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-71062115957633880352021-03-02T14:40:14.386+05:302021-03-02T14:40:14.386+05:30समसामयिक बसंती दृश्यों का मनोहारी चित्रण..समसामयिक बसंती दृश्यों का मनोहारी चित्रण..जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.com