tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post21519784655393775..comments2024-03-25T20:26:21.589+05:30Comments on उच्चारण: दोहे "ओटन लगे कपास" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-49991877215077812992018-07-08T08:53:08.474+05:302018-07-08T08:53:08.474+05:30सुन्दर सुन्दर Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-86241905551081427272018-07-08T03:30:13.876+05:302018-07-08T03:30:13.876+05:30
ग्वाले मक्खन खा रहे, मोहन की ले ओट।
सत्ता के ता...<br /><br />ग्वाले मक्खन खा रहे, मोहन की ले ओट। <br />सत्ता के तालाब में, मगर रहे हैं लोट।।<br /><br />ठगबंधन है बन रहा ,गठबंधन की ओट ,<br /><br />चोर ठगु सब साथ हैं ,लकुटी बिना लंगोट। <br /><br />शास्त्रीजी बराबर आप हमारी रचनाओं को पनाह दे रहें हैं चर्चा मंच पर जबकि कई तकनिकी कारणों से मैं कबीरा खड़ा बाज़ार या फिर veerubhai1947.blogspot.comसे टिपण्णी नहीं कर पाता हूँ। शुक्रिया आपका लख लख. <br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04532342283593466150noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-12081681969872949102018-07-08T03:29:24.225+05:302018-07-08T03:29:24.225+05:30ग्वाले मक्खन खा रहे, मोहन की ले ओट।
सत्ता के ताला...ग्वाले मक्खन खा रहे, मोहन की ले ओट। <br />सत्ता के तालाब में, मगर रहे हैं लोट।।<br /><br />ठगबंधन है बन रहा ,गठबंधन की ओट ,<br /><br />चोर ठगु सब साथ हैं ,लकुटी बिना लंगोट। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04532342283593466150noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-9326197821558879322018-07-07T19:10:41.044+05:302018-07-07T19:10:41.044+05:30ग्वाले मक्खन खा रहे, मोहन की ले ओट।
सत्ता के ताला...ग्वाले मक्खन खा रहे, मोहन की ले ओट। <br />सत्ता के तालाब में, मगर रहे हैं लोट।।<br />मुखपोथी के सामने, बड़े-बड़े लाचार। <br />मतलब के सब लोग हैं, मतलब का सब प्यार।।<br />बहुत सटीक कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.com