tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post2783661792812755271..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: ‘‘करोड़ों पैदा हो जाते हैं अगले साल’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-36892413726127090952009-09-11T06:58:11.764+05:302009-09-11T06:58:11.764+05:30करोडों पैदा हो जाते हैं हर साल ...न सिर्फ पैदा होत...करोडों पैदा हो जाते हैं हर साल ...न सिर्फ पैदा होते हैं बल्कि हर साल लम्बे होते जाते हैं..<br />" सबसे ऊँचा हमारा रावण " ऐसे विज्ञापन मुंह चिढाते से प्रतीत होते हैं..."सबसे ऊँचा हमारा राम" यह कोई नहीं कहता ..!!<br />बहुत अच्छी रचना ..!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-76836885140574086642009-09-11T06:12:54.711+05:302009-09-11T06:12:54.711+05:30वाह बहुत बढ़िया! आपने सही कहा है आज के ज़माने में ...वाह बहुत बढ़िया! आपने सही कहा है आज के ज़माने में देखा जाए तो चारों और सिर्फ़ रावण ही रावण नज़र आते हैं और राम शर्म से<br />छिपे बैठे होते हैं! अद्भूत रचना!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-90552197126793234512009-09-11T05:15:42.393+05:302009-09-11T05:15:42.393+05:30बेहतरीन और सटीक रचना.बेहतरीन और सटीक रचना.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-26385500189159295882009-09-11T00:43:05.203+05:302009-09-11T00:43:05.203+05:30चारों ओर
रावण ही रावण
नजर आते हैं
और राम
भय और लज्...चारों ओर<br />रावण ही रावण<br />नजर आते हैं<br />और राम<br />भय और लज्जा से<br />घरों में छिप जाते हैं<br /><br />बिल्कुल सच लिखा आपने!! लाजवाब रचना!!Pt. D.K. Sharma "Vatsa"https://www.blogger.com/profile/05459197901771493896noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-72627949979180375302009-09-11T00:11:23.740+05:302009-09-11T00:11:23.740+05:30बहुत सुन्दर बहुत सत्य !!!!!!!!!बहुत सुन्दर बहुत सत्य !!!!!!!!!Chandan Kumar Jhahttps://www.blogger.com/profile/11389708339225697162noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-28803255047106099422009-09-10T23:04:46.141+05:302009-09-10T23:04:46.141+05:30चारों ओर
रावण ही रावण
नजर आते हैं
और राम
भय और लज्...चारों ओर<br />रावण ही रावण<br />नजर आते हैं<br />और राम<br />भय और लज्जा से<br />घरों में छिप जाते हैं<br />बिलकुल सच लिखा आप ने अपनी कविता मै... आज मानवता कही मुंह छुपाती फ़िर रही है इन नंगो के राज मै.धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-69176786349449117292009-09-10T22:58:14.414+05:302009-09-10T22:58:14.414+05:30परेशानी ये है कि हम हर साल रावण नहीं जलाते बल्कि क...परेशानी ये है कि हम हर साल रावण नहीं जलाते बल्कि काले धन से तैयार रावण के बड़े से बड़े पुतले जलाते हैं। उम्मीद करिये कि इस बार अपने अपने भीतर के रावण को जलाएं ताकि अगले साल से ये राम-रावण का संतुलन ज़रा सुधर सके। मैंने<br />ब्लॉगिंग की शुरुआत ही इस विषय पर पोस्ट के साथ की थी- http://isibahane.blogspot.com/2007/10/blog-post_21.htmlAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-19615343572889035872009-09-10T22:16:12.370+05:302009-09-10T22:16:12.370+05:30यह रावण कभी भी नहीं मरेगा क्युकी हम उसे मरने नहीं ...यह रावण कभी भी नहीं मरेगा क्युकी हम उसे मरने नहीं देना चाहते |<br />हर एक के अन्दर राम और रावण दोनों है और यह उस बन्दे पर निर्भर करता है की वोह किस को फलता-फूलता देखना चाहता है ?<br />जब तक हम अपने अन्दर रावण को पनपने देगे, समाज में रावण रोज़ पैदा होगे !!शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-54850551194995687422009-09-10T21:35:03.953+05:302009-09-10T21:35:03.953+05:30अद्भुत से सौदार्य पूर्ण शब्द हो तो वो मैं इस कविता...अद्भुत से सौदार्य पूर्ण शब्द हो तो वो मैं इस कविता को देता हूं।Kulwant Happyhttps://www.blogger.com/profile/04322255840764168300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-23528346975053100942009-09-10T21:05:27.176+05:302009-09-10T21:05:27.176+05:30अदभुत
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Tech Prevue: तकनीक दृष्टाअदभुत<br />---<br /><a href="http://techprevue.blogspot.com/2009/09/blogger-launches-read-more-by-default.html" rel="do-follow" rel="nofollow">Tech Prevue: तकनीक दृष्टा</a>Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-78723984165910041472009-09-10T20:51:01.012+05:302009-09-10T20:51:01.012+05:30राक्षस हैं या रक्त-बीज
लाखों जलाते हैं
हर साल
क...राक्षस हैं या रक्त-बीज <br />लाखों जलाते हैं <br />हर साल <br />करोड़ों पैदा हो जाते हैं<br />अगले साल!! <br /><br />aapne bilkul sahi chitran kiya hai..... samaaj ka.....waaqai mein.... raavan zyada hain aur ram kam.... kya khoob likha hai aapne....<br />bahut hi oomda kavitaडॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-83267972105505794552009-09-10T20:23:00.681+05:302009-09-10T20:23:00.681+05:30सुन्दर रचना...सुन्दर रचना...महेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-16051635771045932872009-09-10T20:16:00.624+05:302009-09-10T20:16:00.624+05:30हम वर्ण-संकर कैसे हो गये?
राम के वंशज कहाँ खो गये...हम वर्ण-संकर कैसे हो गये? <br />राम के वंशज कहाँ खो गये? <br /><br />बहुत अच्छा लिखा हैVipin Behari Goyalhttps://www.blogger.com/profile/08342317954084526608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-6024279127249673232009-09-10T19:13:16.539+05:302009-09-10T19:13:16.539+05:30वाह बहुत खुब, आज के समाज का दर्पण दिखाता सुन्दर रच...वाह बहुत खुब, आज के समाज का दर्पण दिखाता सुन्दर रचना।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-57149128048769798162009-09-10T18:45:30.878+05:302009-09-10T18:45:30.878+05:30एक और उत्कृष्ट कृति, शास्त्री जी ! दुर्भाग्य्बश यह...एक और उत्कृष्ट कृति, शास्त्री जी ! दुर्भाग्य्बश यही एक कटु सत्य है !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-19433506491072899502009-09-10T18:21:09.350+05:302009-09-10T18:21:09.350+05:30चारों ओर
रावण ही रावण
नजर आते हैं
और राम
भय और...चारों ओर <br />रावण ही रावण <br />नजर आते हैं <br />और राम <br />भय और लज्जा से<br />घरों में छिप जाते हैं........WAH KYA BAAT HAI......श्रीमती रजनी माहरhttps://www.blogger.com/profile/07024050429262954208noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-63383879045423033482009-09-10T18:15:41.509+05:302009-09-10T18:15:41.509+05:30आज चरित्र का ह्रास
हो रहा है विकास
चरित्र के ह्र...आज चरित्र का ह्रास <br />हो रहा है विकास <br />चरित्र के ह्रास की कीमत पर विकास वाकई दुखदायी है.<br />जब तक राम छिपते रहेंगे रावण तो अट्टहास लगाते ही रहेंगे.<br />बहुत सुन्दर रचनाM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-79090849799991588712009-09-10T18:14:42.196+05:302009-09-10T18:14:42.196+05:30चारों ओर
रावण ही रावण
नजर आते हैं
और राम
भय और लज्...चारों ओर<br />रावण ही रावण<br />नजर आते हैं<br />और राम<br />भय और लज्जा से<br />घरों में छिप जाते हैं<br />सीधी सी बात है<br />रावण ज्यादा और राम कम हैं<br />इसी बात का तो गम है<br />वाह....<br />राक्षस हैं या रक्त-बीज<br />लाखों जलाते हैं<br />हर साल<br />करोड़ों पैदा हो जाते हैं<br />अगले साल!!<br /><br /><br />waah............kya khoob likha hai............aur satya likha hai..............har ore ravanon ka hi bobala hai...........ek katu sachchayi ko aapki lekhni ne kalambaddh kiya hai..........badhayivandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.com