tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post3393381216814010778..comments2024-03-25T20:26:21.589+05:30Comments on उच्चारण: ग़ज़ल "रूप हमें दिखलाते हैं" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-73602187991003122612018-07-20T04:42:15.786+05:302018-07-20T04:42:15.786+05:30गागर में सागर भरे राधे नागरी कहलाये ,
नेहा का हर ...गागर में सागर भरे राधे नागरी कहलाये ,<br /><br />नेहा का हर पग धरे पग पग राह दिखाए। <br /><br />'माँ की नज़र' (राधा तिवारी राधे गोपाल )माँ सा सारल्य लिए आई। आल इन वन है माँ। कुलमिलाकर इस बार का चर्चा मंच नए क्षितिज आंजता है -बादल पर शास्त्री जी -<br /><br />उच्चारण पर <br />रूपचन्द्र शास्त्री मयंक <br />--<br />ग़ज़ल <br />“रूप हमें दिखलाते हैं" <br /><br />उच्चारण <br />देर तक अपना असर बनाये रहती है। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04532342283593466150noreply@blogger.com