tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post3491433106309849278..comments2024-03-25T20:26:21.589+05:30Comments on उच्चारण: "छन्दशास्त्र-चौपाई लिखना सीखिए" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-77775924985475848662017-01-05T07:51:02.312+05:302017-01-05T07:51:02.312+05:30आदरणीय , इस ज्ञान का अमृत निरन्तर प्राप्त होता रहा...आदरणीय , इस ज्ञान का अमृत निरन्तर प्राप्त होता रहा । मैं सीखना चाहती हूँ । मार्ग दर्शन मिलता रहे । डॉ निरुपमा वर्माhttps://www.blogger.com/profile/11254755313958544469noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-39238923357977118582015-03-19T16:12:52.219+05:302015-03-19T16:12:52.219+05:30ज्ञानवर्धक और उपयोगी पोस्ट...सुंदर और सरल प्रस्तुत...ज्ञानवर्धक और उपयोगी पोस्ट...सुंदर और सरल प्रस्तुति के लिए आभार Himkar Shyamhttps://www.blogger.com/profile/18243305513572430435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-8230524402236373822015-03-18T08:57:14.042+05:302015-03-18T08:57:14.042+05:30आज 18/मार्च/2015 को आपकी पोस्ट का लिंक है http://...आज 18/मार्च/2015 को आपकी पोस्ट का लिंक है <a href="http://nayi-purani-halchal.blogspot.in" rel="nofollow"> http://nayi-purani-halchal.blogspot.in </a> पर <br />धन्यवाद!<br />Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-76853645387604256162015-03-17T23:52:13.466+05:302015-03-17T23:52:13.466+05:30ज्ञानवर्धक पोस्ट ज्ञानवर्धक पोस्ट Harshita Joshihttps://www.blogger.com/profile/04274397136761595526noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-226948202050958782015-03-17T21:17:42.751+05:302015-03-17T21:17:42.751+05:30आभार सर!
मैंने आज ही आप से प्रश्न किया कि छंदों की...आभार सर!<br />मैंने आज ही आप से प्रश्न किया कि छंदों की पहचान कैसे हो....और आपने मेरी जिज्ञासा शांत की...बहुत-बहुत आभार।<br />ज्ञानवर्धक पोस्ट है......काव्य साधकों के लिए किसी उपहार जैसा।अभिषेक शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/06009944798501737095noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-8743649151493643652015-03-17T17:11:27.670+05:302015-03-17T17:11:27.670+05:30
शिक्षण सम्बन्धी बढ़िया आलेख। <br />शिक्षण सम्बन्धी बढ़िया आलेख। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-70387921328205882872015-03-17T17:11:18.219+05:302015-03-17T17:11:18.219+05:30
शिक्षण सम्बन्धी बढ़िया आलेख। <br />शिक्षण सम्बन्धी बढ़िया आलेख। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-37915129256898244572015-03-17T16:19:27.101+05:302015-03-17T16:19:27.101+05:30बहुत अच्छी जानकारी के लिए आभार.बहुत अच्छी जानकारी के लिए आभार. राजीव कुमार झा https://www.blogger.com/profile/13424070936743610342noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-528151833184434742015-03-17T13:55:41.596+05:302015-03-17T13:55:41.596+05:30अरिल्ल और पद्धरि छंद के बारे में आगामी आलेखों की प...अरिल्ल और पद्धरि छंद के बारे में आगामी आलेखों की प्रतीक्षा रहेगी। जिज्ञासा बलवती है। :)प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-56602261942594706892015-03-17T13:52:18.147+05:302015-03-17T13:52:18.147+05:30आदरणीय के चरणों में नमन !
छंद पर चर्चा कहीं भी हो...आदरणीय के चरणों में नमन !<br /><br />छंद पर चर्चा कहीं भी हो मुझे रोक ही लेती है। आप द्वारा छंद पर की गई चर्चा न केवल सरल और संक्षिप्त है अपितु काव्य सम्बन्धी बारीकियों की जिज्ञासा रखने वाले छात्र स्वभावी व्यक्तियों के लिए अत्यंत उपयोगी भी है। <br /><br />"जब भी दर्श तुम्हारा पाते। <br />कली सुमन बनकर मुस्काते।।"<br />प्रश्न १ : उपर्युक्त पहली पंक्ति में 'मात्रा विन्यास कैसे किया जाए ? <br />1. क्या ऐसे ----- II S II SSS SS<br />2. या ऐसे --------- II S SI ISS SS<br />3. या किसी अन्य प्रकार से ? <br /><br />प्रश्न २ : नियमानुसार चौपाई में जगण और तगण का प्रयोग निषिद्ध माना गया है। <br />क्या चौपाई के आरम्भ में या कहीं भी? स्पष्ट नहीं किया गया है। इस कारण उन उन जगह पर दृष्टि पहुँच रही है जहाँ जगण और तगण उपस्थित हैं। कृपया नियम की मर्यादा और उसका प्रभावक्षेत्र स्पष्ट करें। <br /><br />प्रश्न ३ : इस बात पर चिंतन करने लगा हूँ कि छंदशास्त्र में निषिद्धताओं के नियम क्यों बने होंगे। क्या आप इस ओर प्रकाश डाल सकेंगे। मैं अभी तक केवल 'मुखसुख' को उत्तरदायी ठहरा पा रहा हूँ। प्रतुल वशिष्ठhttps://www.blogger.com/profile/00219952087110106400noreply@blogger.com