tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post4872283510956855132..comments2024-03-25T20:26:21.589+05:30Comments on उच्चारण: ग़ज़ल "मुकद्दर आजमाते हैं" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-15027062856543189332022-07-01T23:25:45.746+05:302022-07-01T23:25:45.746+05:30बहुत खूबसूरत समयानुसार अभिव्यक्ति बहुत खूबसूरत समयानुसार अभिव्यक्ति Bharti Dashttps://www.blogger.com/profile/04896714022745650542noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-72014696298002164832022-07-01T16:44:17.755+05:302022-07-01T16:44:17.755+05:30भँवर में थे फँसे जब वो, हमीं ने तो निकाला था
मगर अ...भँवर में थे फँसे जब वो, हमीं ने तो निकाला था<br />मगर अहसान के बदले, वही चूना लगाते हैं<br />--<br />हुआ अहसास है अब ये, बड़ी है मतलबी दुनिया,<br />गधे को बाप भी अपना, समय पर वो बनाते हैं<br />.. एकदम सही बात कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-38079796461368448432022-07-01T14:24:26.196+05:302022-07-01T14:24:26.196+05:30जिन्हें नाज़ों से पाला था, वही आँखें दिखाते हैं
ह...जिन्हें नाज़ों से पाला था, वही आँखें दिखाते हैं<br /><br />हमारे दिल में घुसकर वो, हमें नश्तर चुभाते हैं<br />वाह!!!<br />कटु यथार्थ बयां करते लाजवाब दोहे।<br /><br />--Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-74417757827857342602022-07-01T12:20:59.716+05:302022-07-01T12:20:59.716+05:30जीवन का यथार्थ दिखाता सराहनीय सृजन।
सादर जीवन का यथार्थ दिखाता सराहनीय सृजन।<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-72531792107815892062022-07-01T01:42:41.768+05:302022-07-01T01:42:41.768+05:30नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रव...नमस्ते,<br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार 01 जुलाई 2022 को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/ " rel="nofollow"> 'भँवर में थे फँसे जब वो, हमीं ने तो निकाला था' (चर्चा अंक 4477) </a> पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। 12:01 AM के बाद आपकी प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी। Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-31406140803485322862022-06-30T21:05:22.295+05:302022-06-30T21:05:22.295+05:30जी नमस्ते,
आपकी लिखी रचना शुक्रवार १ जुलाई २०२२ के...जी नमस्ते,<br />आपकी लिखी रचना शुक्रवार १ जुलाई २०२२ के लिए साझा की गयी है<br /><a href="http://halchalwith5links.blogspot.com/" rel="nofollow">पांच लिंकों का आनंद</a> पर...<br />आप भी सादर आमंत्रित हैं।<br />सादर<br />धन्यवाद।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.com