tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post4903147810815982781..comments2024-03-25T20:26:21.589+05:30Comments on उच्चारण: ग़ज़ल "रोज दादा जी जलाते हैं अलाव" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-66618103897189470462017-12-25T10:28:04.604+05:302017-12-25T10:28:04.604+05:30इस मौसम का सुन्दर चित्र खींचा है. इस मौसम का सुन्दर चित्र खींचा है. Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-10617193314269874892017-12-24T12:08:15.153+05:302017-12-24T12:08:15.153+05:30आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (25-...आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (25-12-2017) को <a href="http://charchamanch.blogspot.in/" rel="nofollow"> "क्रिसमस का त्यौहार" (चर्चा अंक-2828) </a> पर भी होगी।<br />--<br />सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।<br />--<br />चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।<br />जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।<br />हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।<br />सादर...!<br />राधा तिवारीradha tiwari( radhegopal)https://www.blogger.com/profile/09630389878761098417noreply@blogger.com