tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post5140617291023101403..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: गीत "ऋतुराज प्रेम के अंकुर को उपजाता" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-37973666795432969592021-03-17T06:34:46.309+05:302021-03-17T06:34:46.309+05:30हमेशा की तरह भावों व शब्दों का सौंदर्य बिखेरती रचन...हमेशा की तरह भावों व शब्दों का सौंदर्य बिखेरती रचना मुग्ध करती है। Shantanu Sanyal शांतनु सान्यालhttps://www.blogger.com/profile/06457373513221191796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-35835445466681089162021-03-15T12:22:41.837+05:302021-03-15T12:22:41.837+05:30खेतों में गेहूँ-सरसों का सुन्दर बिछा गलीचा,
सुमनों...खेतों में गेहूँ-सरसों का सुन्दर बिछा गलीचा,<br />सुमनों की आभा-शोभा से पुलकित हुआ बगीचा,<br />गुन-गुन करके भँवरा कलियों को गुंजार सुनाता।<br />विध्वंसों के बाद नया निर्माण सामने आता।।<br /><br />आदरणीय, हमेशा की भांति हृदयग्राही गीत हेतु साधुवाद 🙏<br />सादर,<br />डॉ. वर्षा सिंहDr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-105705352615177492021-03-15T08:20:21.143+05:302021-03-15T08:20:21.143+05:30बहुत ही सुंदर सृजन सर।
सादर बहुत ही सुंदर सृजन सर।<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-3407717876923942532021-03-15T03:08:50.759+05:302021-03-15T03:08:50.759+05:30बहुत ही सुंदर गीत आपकी पोस्ट करने का अंदाज बहुत ही...बहुत ही सुंदर गीत आपकी पोस्ट करने का अंदाज बहुत ही निराला है आदरणीय शास्त्री जीSawai Singh Rajpurohithttps://www.blogger.com/profile/12180922653822991202noreply@blogger.com