tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post5357084974914693284..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: गीत "शासन को चलाती है सुरा" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger8125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-8855930097290964562020-09-01T22:01:25.833+05:302020-09-01T22:01:25.833+05:30डस रहे हैं देश काले नाग अब,
कोकिला का “रूप" भ...डस रहे हैं देश काले नाग अब,<br />कोकिला का “रूप" भऱकर काग अब,<br />गान गाता आज नाती बेसुरा।<br />मौत का गाना सुनाती है सुरा।। बेहतरीन रचना आदरणीय।Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-45858788290629228252020-09-01T21:42:43.116+05:302020-09-01T21:42:43.116+05:30बहुत अच्छी रचना। अति हर चीज की बुरी होती है। शराब ...बहुत अच्छी रचना। अति हर चीज की बुरी होती है। शराब पीने वाले भी अक्सर ये भूल जाते हैं। विकास नैनवाल 'अंजान'https://www.blogger.com/profile/09261581004081485805noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-8934058317586132702020-09-01T16:45:17.915+05:302020-09-01T16:45:17.915+05:30bahut badhiya ...
bahut badhiya ...<br />shardaarora.blogspot.inhttps://www.blogger.com/profile/03125723219564503488noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-85854468691328636612020-09-01T15:55:34.690+05:302020-09-01T15:55:34.690+05:30मंदिर मस्जिद बैर करती मेल कराती मधुशाला
दुखद
मंदिर मस्जिद बैर करती मेल कराती मधुशाला<br />दुखद<br />hindiguruhttps://www.blogger.com/profile/09026018787795712597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-62824310999045844662020-09-01T14:51:40.121+05:302020-09-01T14:51:40.121+05:30प्रणाम शास्त्री जी,
सोमरस के दो कसैले घूँट पी,
तो...प्रणाम शास्त्री जी, <br />सोमरस के दो कसैले घूँट पी,<br />तोड़ कर अपनी नकेले ऊँट भी,<br />नाच नंगा अब नचाती है सुरा।<br />मौत के पैगाम को लाती सुरा।।... बहुत खूब कहा परंतु सरकार से अधिक तो हमें अपने घरों में इस पर विस्तृत विमर्श करना चाहिए ... आजकल हम लोगों की आदत हो गई है कि हम स्वयं की ओर देखने की बजाय सरकार और समाज को दोष बड़ी आसानी से दे लेते हैं Alaknanda Singhhttps://www.blogger.com/profile/15279923300617808324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-76021681471471710992020-09-01T10:57:23.388+05:302020-09-01T10:57:23.388+05:30इसकी जितनी मलामत की जाये कम है इसकी जितनी मलामत की जाये कम है Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-37342423925599869392020-08-31T14:54:57.997+05:302020-08-31T14:54:57.997+05:30सूरा की आदर खराब ही है ... पर आज इसका चलन पहले से ...सूरा की आदर खराब ही है ... पर आज इसका चलन पहले से कई गुना बढ़ गया है ...<br />दुःख की बात है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-45662820877084650632020-08-31T14:18:12.637+05:302020-08-31T14:18:12.637+05:30सादर नमस्कार ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्च...सादर नमस्कार ,<br /><br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (01 -9 -2020 ) को <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "शासन को चलाती है सुरा" (चर्चा अंक 3810) </a> पर भी होगी,आप भी सादर आमंत्रित हैं।<br />---<br /><br />कामिनी सिन्हा<br /><br />Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.com