tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post554169310275739753..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: ग़ज़ल "सँवरना न परिन्दों" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-16808377843467034002017-05-14T22:08:33.202+05:302017-05-14T22:08:33.202+05:30बहुत सुन्दर। बहुत सुन्दर। जयन्ती प्रसाद शर्माhttps://www.blogger.com/profile/00822415597324856268noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-71818993008236687012017-05-14T18:09:56.155+05:302017-05-14T18:09:56.155+05:30वर्तमान जगत में व्यक्ति आचरण का सुंदर चित्रण। आभार...वर्तमान जगत में व्यक्ति आचरण का सुंदर चित्रण। आभार 'एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-56411377783446956732017-05-13T19:19:29.409+05:302017-05-13T19:19:29.409+05:30भेड़ों के “रूप” में छिपे हैं भेड़िये यहाँ
फूलों क...भेड़ों के “रूप” में छिपे हैं भेड़िये यहाँ <br />फूलों को देख करके मचलना न परिन्दों<br />..........................<br />पग-पग पर फरेब है दुनिया में <br />चलना जरा संभलकर <br />की सीख देती बहुत सुन्दर रचना <br />कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-87943916998863549532017-05-13T09:35:38.391+05:302017-05-13T09:35:38.391+05:30बहुत सुन्दर।बहुत सुन्दर।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com