tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post5729711054281293648..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: दोहे "दो पक्षों के बोल" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-15388829527732646192020-09-13T14:46:44.518+05:302020-09-13T14:46:44.518+05:30बहुत बढ़िया बहुत बढ़िया Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-68242385357578367232020-09-13T12:54:39.509+05:302020-09-13T12:54:39.509+05:30एक तीर से हो रहे, बिना लक्ष्य के वार।लड़ती हैं नेप...एक तीर से हो रहे, बिना लक्ष्य के वार।लड़ती हैं नेपथ्य में, दोनों ही सरकार।।इन पंक्तियों में महाराष्ट्र का पूरा राजनीतिक परिदृश्य बयाँ हो गया है कल कंगना निश्चय ही राजनीति में होंगी उन्हें ये अवसर भरपूर दिया जाएगा देखते हैं उनके अंदर का एक कलाकार जीतता है यह राजनीति सुंदर रचना शास्त्री जी की <br />kabirakhadabazarmein.blogspot.comvirendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-24919064682066415152020-09-12T23:43:47.282+05:302020-09-12T23:43:47.282+05:30अच्छा होता है नहीं, आपस में टकराव।
आपस की तकरार मे...अच्छा होता है नहीं, आपस में टकराव।<br />आपस की तकरार में, पीता दूध बिलाव।।<br />--बहुत सार्थक दोहे आदरणीय सर | हिंदी दिवस की शुभकामनाएं और बधाई रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-57939325314467549112020-09-11T13:12:09.433+05:302020-09-11T13:12:09.433+05:30 विडंबना ही कहेंगें, और क्या ! विडंबना ही कहेंगें, और क्या !गगन शर्मा, कुछ अलग साhttps://www.blogger.com/profile/04702454507301841260noreply@blogger.com