tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post6221961489583400172..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: "ग़ज़ल-नदी का काम है बहना" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-8943331890873220122014-03-01T21:04:28.681+05:302014-03-01T21:04:28.681+05:30फिज़ाओं का भरोसा क्या, न जाने कब बदल जायें
बड़ी मु...फिज़ाओं का भरोसा क्या, न जाने कब बदल जायें<br />बड़ी मुश्किल से गुलशन ने, बसन्ती “रूप” है पहना<br />..बहुत सुन्दर ..बसंती रंग का क्या कहना..यह तो प्रकृति का है गहना ..कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-57344560837871555582014-03-01T00:24:41.807+05:302014-03-01T00:24:41.807+05:30बहुत सुंदर सृजन,,,!
RECENT POST - : बदले जो न ढंग...बहुत सुंदर सृजन,,,!<br /><br /><b>RECENT POST - </b><a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2014/02/blog-post_8644.html#links" rel="nofollow">: बदले जो न ढंग.( दोहे )</a><br />धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-29399015655260212312014-02-28T18:55:05.432+05:302014-02-28T18:55:05.432+05:30रिवाज़ों और रस्मों की, यहाँ परवाह है किसको
भले अवर...रिवाज़ों और रस्मों की, यहाँ परवाह है किसको<br />भले अवरोध कितने हों, नदी का काम है बहना......<br /><br />खुबसूरत ....अशोक सलूजाhttps://www.blogger.com/profile/17024308581575034257noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-61475643282386708522014-02-28T18:27:43.190+05:302014-02-28T18:27:43.190+05:30प्रकृति का बासन्ती पदार्पणप्रकृति का बासन्ती पदार्पणप्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-67061032360992277562014-02-28T17:44:44.902+05:302014-02-28T17:44:44.902+05:30पहली पीढ़ी : -- हम जाति-धर्म को नहीं मानते
दूसरी पी...पहली पीढ़ी : -- हम जाति-धर्म को नहीं मानते<br />दूसरी पीढ़ी : -- हम देसी- बेसी को नहीं मानते<br />तीसरी पीढ़ी : -- हम शादी-वादी को नहीं मानते<br />चौथी पीढ़ी : -- हम विवाहेत्तर सम्बन्धों को नहीं मानते<br /> पाँचवी पीढ़ी : -- चलो मम्मी-पापा मम्मी -पापा खेलते हैं<br />छठवी पीढ़ी : -- अरे ये कुत्ता नहीं नहीं मनुष्य नहीं नहीं, अरे ये कुत्ते जैसा बालक किसका है.....?Neetu Singhalhttps://www.blogger.com/profile/14843330374912315760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-86678888566807597302014-02-28T17:42:33.802+05:302014-02-28T17:42:33.802+05:30वाह !वाह !सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.com