tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post6814128316965143759..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: बालकविता "कुदरत ने फल उपजाये हैं" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-4732290858953086112019-05-06T15:39:27.199+05:302019-05-06T15:39:27.199+05:30अपने बचपन में ऐसी कविताएँ हमको अपने दादी-नानी से स...अपने बचपन में ऐसी कविताएँ हमको अपने दादी-नानी से सुनने को मिलती थीं. आज ऐसे कविताओं की जगह पॉप म्यूजिक ने ले ली है. <br />बच्चों का बचपन वापस लाने के लिए ऐसी कविताओं का उपयोग किया जाना चाहिए. <br />बहुत सुन्दर प्रस्तुति ! गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-40982374127430529272019-05-06T12:29:20.425+05:302019-05-06T12:29:20.425+05:30जज्ञानवर्धक कविता... साधुवाद 🙏जज्ञानवर्धक कविता... साधुवाद 🙏Dr Varsha Singhhttps://www.blogger.com/profile/02967891150285828074noreply@blogger.com