tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post6873074786977177431..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: "अब भी हमारे गाँव में...." (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger20125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-78475642670209898412012-08-27T07:21:52.142+05:302012-08-27T07:21:52.142+05:30देखने की बात सब कौन क्या है देखता ,नूर तो बाकी अभी...देखने की बात सब कौन क्या है देखता ,नूर तो बाकी अभी भी है हमारे गाँव में ....बढ़िया बहुत सुन्दर शास्त्री जी ....कृपया यहाँ भी पधारें -<br />सोमवार, 27 अगस्त २०१२/<br />ram ram bhai<br />अतिशय रीढ़ वक्रता (Scoliosis) का भी समाधान है काइरोप्रेक्टिक चिकित्सा प्रणाली में<br />http://veerubhai1947.blogspot.com/ उच्चारण - <br /><br />अपने अंतरजाल पर, इक पीपल का पेड़ ।<br />तोता-मैना बाज से, पक्षी जाते छेड़ ।<br />पक्षी जाते छेड़, बाज न फुदकी आती ।<br />उल्लू कौआ हंस, पपीहा कोयल गाती ।<br /> पल-पल पीपल प्राण, वायु ना देता थमने ।<br />पाले बकरी गाय, गधे भी नीचे अपने । virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-66548439478501584842012-02-23T23:39:18.239+05:302012-02-23T23:39:18.239+05:30पेड़ का मानवीकरण .अच्छी ग़ज़ल .रही बात रूप की सो न...पेड़ का मानवीकरण .अच्छी ग़ज़ल .रही बात रूप की सो नूर भी है तेवर भी रोज़ संवरते निखरते हैं .रूप भी है शाश्त्र भी परवाज़ भी आकाश भी .virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-14660964405572582612012-02-23T22:52:57.776+05:302012-02-23T22:52:57.776+05:30मिल रही उसको तसल्ली देखकर परिवार को,
इसलिए ही जी र...मिल रही उसको तसल्ली देखकर परिवार को,<br />इसलिए ही जी रहा अब भी हमारे गाँव में।<br />बहुत खूब!!वन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-78762444308115367182012-02-23T14:17:27.985+05:302012-02-23T14:17:27.985+05:30आनंदित कर दिया..लगता है साक्षात वृक्ष बोल रहा है.....आनंदित कर दिया..लगता है साक्षात वृक्ष बोल रहा है..<br />हमारे शहर में भी सड़क निर्माण के लिए कई वृक्षों को ,जो वृद्ध थे घने थे ..काटा गया ..<br />दिल निकलकर रह जाता है ..लगता है जैसे संपूर्ण मनुष्य का कत्ल किया गया है..<br />kalamdaan.blogspot.inRITU BANSALhttps://www.blogger.com/profile/14474354506605954847noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-2375872254801784892012-02-23T12:56:23.378+05:302012-02-23T12:56:23.378+05:30सुंदर गजल ...सुंदर गजल ...संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-85066004880909914592012-02-23T12:45:16.007+05:302012-02-23T12:45:16.007+05:30बहुत खूब ... गाँव की बात ही क्या है ... हर किसी को...बहुत खूब ... गाँव की बात ही क्या है ... हर किसी को यादों के जंगल में खींच ले जाता है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-24720602484062653062012-02-23T11:57:06.346+05:302012-02-23T11:57:06.346+05:30जानता है ज़िन्दगी की हो रही अब साँझ है,
हाड़ अपने ...जानता है ज़िन्दगी की हो रही अब साँझ है,<br />हाड़ अपने धुन रहा अब भी हमारे गाँव में।<br /><br />वाह ...बहुत ही बढिया।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-33052782641417243962012-02-23T11:37:43.165+05:302012-02-23T11:37:43.165+05:30“रूप” में ना नूर है, तेवर नहीं अब वो रहे,
थान मखमल...“रूप” में ना नूर है, तेवर नहीं अब वो रहे,<br />थान मखमल बुन रहा अब भी हमारे गाँव में ………………बहुत सुन्दर भाव संजोये हैं।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-70963623718193534282012-02-23T10:56:15.245+05:302012-02-23T10:56:15.245+05:30Purani dharohar ab akhiri sanse hi gin rahi haiPurani dharohar ab akhiri sanse hi gin rahi haiDevhttps://www.blogger.com/profile/12753851385568919086noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-49753601211511022552012-02-23T10:18:12.636+05:302012-02-23T10:18:12.636+05:30अपने अंतरजाल पर, इक पीपल का पेड़ ।
तोता-मैना बाज ...अपने अंतरजाल पर, इक पीपल का पेड़ ।<br /><br />तोता-मैना बाज से, पक्षी जाते छेड़ ।<br /><br />पक्षी जाते छेड़, बाज न फुदकी आती ।<br /><br />उल्लू कौआ हंस, पपीहा कोयल गाती ।<br /><br />पल-पल पीपल प्राण, वायु ना देता थमने ।<br /><br />पाले बकरी गाय, गधे भी नीचे अपने ।<br /><br /><br />दिनेश की टिप्पणी - आपका लिंक<br />http://dineshkidillagi.blogspot.inरविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-13134741195985949862012-02-23T08:42:49.166+05:302012-02-23T08:42:49.166+05:30थान मखमल बुन रहा अब भी हमारे गाँव में।
..वाह!थान मखमल बुन रहा अब भी हमारे गाँव में।<br />..वाह!देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-5487536163087266862012-02-22T23:40:04.171+05:302012-02-22T23:40:04.171+05:30हमारे गाँव का पेंड...हमारी जिंदगी का एक हिस्सा बन ...हमारे गाँव का पेंड...हमारी जिंदगी का एक हिस्सा बन जाता है...Vaanbhatthttps://www.blogger.com/profile/12696036905764868427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-69785999298023017372012-02-22T23:10:59.969+05:302012-02-22T23:10:59.969+05:30बहुत सुन्दर ...बहुत सुन्दर ... डॉ. मोनिका शर्मा https://www.blogger.com/profile/02358462052477907071noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-92094626096586167922012-02-22T22:34:00.856+05:302012-02-22T22:34:00.856+05:30सुबह समीर जी की गजल और अब आप की. आनंद आ गया..सुबह समीर जी की गजल और अब आप की. आनंद आ गया..भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-43001931568211786762012-02-22T22:30:40.464+05:302012-02-22T22:30:40.464+05:30सुबह समीर जी की गजल पढ़ी और अब आप की.... आनंद ही आ...सुबह समीर जी की गजल पढ़ी और अब आप की.... आनंद ही आनंद...भारतीय नागरिक - Indian Citizenhttps://www.blogger.com/profile/07029593617561774841noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-49393802252147109932012-02-22T22:00:40.759+05:302012-02-22T22:00:40.759+05:30गाँव बहुत अब याद आता है..गाँव बहुत अब याद आता है..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-53483390137964208842012-02-22T20:46:50.113+05:302012-02-22T20:46:50.113+05:30इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट क...<a href="http://bulletinofblog.blogspot.in/2012/02/blog-post_22.html" rel="nofollow">इस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार - आपकी पोस्ट को शामिल किया गया है 'ब्लॉग बुलेटिन' पर - पधारें - और डालें एक नज़र - आंखों पर हावी न होने पाए ब्लोगिंग - ब्लॉग बुलेटिन </a>शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-48553114178572628282012-02-22T18:11:30.238+05:302012-02-22T18:11:30.238+05:30“रूप” में ना नूर है, तेवर नहीं अब वो रहे,
थान मखमल...“रूप” में ना नूर है, तेवर नहीं अब वो रहे,<br />थान मखमल बुन रहा अब भी हमारे गाँव में।<br />बहुत सुन्दर !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-33235054659430974322012-02-22T17:46:07.133+05:302012-02-22T17:46:07.133+05:30सुन्दर रचना - "ओल्ड इज गोल्ड"सुन्दर रचना - "ओल्ड इज गोल्ड"Kewal Joshihttps://www.blogger.com/profile/05259895497389545585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-16137245117027249512012-02-22T17:42:03.885+05:302012-02-22T17:42:03.885+05:30जानता है ज़िन्दगी की हो रही अब साँझ है,
हाड़ अपने ...जानता है ज़िन्दगी की हो रही अब साँझ है,<br />हाड़ अपने धुन रहा अब भी हमारे गाँव में।<br />bahut achcha sher likha prakarti humesha pyaar lutati rahti hai.bahut achchi ghazal.Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.com