tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post7896015696772719267..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: गीत "बूढ़ा पीपल जिन्दा है" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-89510060652682589352021-08-09T16:39:41.742+05:302021-08-09T16:39:41.742+05:30खरी-खरी मत कह बेहतर कि तू हरदम चुपचाप रहे,
सदियों...खरी-खरी मत कह बेहतर कि तू हरदम चुपचाप रहे, <br />सदियों पहले क्या कबीर पर गुज़री तुझको याद रहे ! गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-51899779348482553832021-05-08T19:37:35.178+05:302021-05-08T19:37:35.178+05:30बूढ़े पीपल ने समाज को बदलते हुए देखा है. शायद उसे ह...बूढ़े पीपल ने समाज को बदलते हुए देखा है. शायद उसे ही सबसे ज़्यादा समझ है कि हम ऐसे क्यूँ हो गए.अब सर पर पीपल की छांव भी नहीं. शास्त्रीजी, आपकी रचना ने दुखती रग को छू दिया. कोशिश रहेगी कि पीपल,नीम बरगद के पेड़ लगा सकूँ. याद दिलाने और एक सपना बोने के लिए आभार और प्रणाम.नूपुरं noopuramhttps://www.blogger.com/profile/18200891774467163134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-43078102693620333912021-04-20T18:26:50.598+05:302021-04-20T18:26:50.598+05:30बहुत ही सुंदर सराहनीय सृजन सर।
सादर बहुत ही सुंदर सराहनीय सृजन सर।<br />सादर अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-87455813603165100012021-04-20T18:21:30.456+05:302021-04-20T18:21:30.456+05:30आज के हालात को व्यक्त करती बेहतरीन रचना आदरणीय।आज के हालात को व्यक्त करती बेहतरीन रचना आदरणीय।Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-72998835388239032632021-04-20T16:16:57.723+05:302021-04-20T16:16:57.723+05:30आदरणीय सर, बहुत ही सुंदर और सशक्त दोहे देश में फैल...आदरणीय सर, बहुत ही सुंदर और सशक्त दोहे देश में फैली आराजकता और दुराचार पर । सच में हमारी भारतीय संस्कृति और सभ्यता इससे शर्मिंदा होती रहती है और हमारे देश का ह्रास होता है। हृदय से आभार इस सुंदर रचना के लिए व आपको प्रणाम । Ananta Sinhahttps://www.blogger.com/profile/14940662000624872958noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-87112962677994761452021-04-20T15:19:07.129+05:302021-04-20T15:19:07.129+05:30आदरणीय शास्क्यात्री जी कहूँ आपके रचना कौशल के विष...आदरणीय शास्क्यात्री जी कहूँ आपके रचना कौशल के विषय में . जब भी पढ़ती हूँ अभिभूत होजाती हूँ . बहुत शानदार रचना .गिरिजा कुलश्रेष्ठhttps://www.blogger.com/profile/07420982390025037638noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-10027752140807821072021-04-20T14:51:47.204+05:302021-04-20T14:51:47.204+05:30संस्कारों के ह्रास को पीपल के पुराने पेड़ के माध्...संस्कारों के ह्रास को पीपल के पुराने पेड़ के माध्यम से सुंदरता से बताया आपने सार्थक सृजन आदरणीय।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-49545785264332957552021-04-20T10:44:31.449+05:302021-04-20T10:44:31.449+05:30समसामयिक रचना । यथार्थ को उकेर दिया है ।समसामयिक रचना । यथार्थ को उकेर दिया है ।संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-45788066761393765182021-04-20T10:42:28.700+05:302021-04-20T10:42:28.700+05:30आज के हालातों का खरा-खरा चित्रण !आज के हालातों का खरा-खरा चित्रण !Anitahttps://www.blogger.com/profile/17316927028690066581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-87276984712051179802021-04-20T00:55:56.253+05:302021-04-20T00:55:56.253+05:30वर्तमान समय की विडम्बनाओं पर करारा
कटाक्ष करती
कमा...वर्तमान समय की विडम्बनाओं पर करारा<br />कटाक्ष करती<br />कमाल की रचना<br /><br />सादरJyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-16410732345051839262021-04-19T19:36:18.504+05:302021-04-19T19:36:18.504+05:30जय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो र... जय मां हाटेशवरी.......<br /><br />आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......<br />आप की इस रचना का लिंक भी......<br />20/04/2021 मंगलवार को......<br /><a href="https://www.halchalwith5links.blogspot.com" rel="nofollow">पांच लिंकों का आनंद</a> ब्लौग पर.....<br />शामिल किया गया है.....<br />आप भी इस हलचल में. .....<br />सादर आमंत्रित है......<br /><br /> <br /> अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:<br />https://www.halchalwith5links.blogspot.com<br />धन्यवाद<br /> kuldeep thakurhttps://www.blogger.com/profile/11644120586184800153noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-38607261106688766912021-04-19T18:26:17.643+05:302021-04-19T18:26:17.643+05:30सादर नमस्कार ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्... सादर नमस्कार , <br /><br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (19-4-21) को <a href="https://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "श्वासें"(चर्चा अंक 4042)</a> पर भी होगी।<br /> आप भी सादर आमंत्रित है।<br /> -- <br />कामिनी सिन्हा <br /><br />Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-15002781615890932422021-04-19T15:01:03.149+05:302021-04-19T15:01:03.149+05:30सच को दो टूक कह दिया है आपने शास्त्री जी।सच को दो टूक कह दिया है आपने शास्त्री जी।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-45822497290620797992021-04-19T07:53:06.441+05:302021-04-19T07:53:06.441+05:30veerujan.blogspot.com
लोकतन्त्र में शासन करने के, ...veerujan.blogspot.com<br />लोकतन्त्र में शासन करने के, सब ही अधिकारी हैं,<br />किन्तु अराजक तत्वों को, क्यों मिलती भागीदारी हैं,<br />मुक्त करो इनसे संसद को, कहता हर बाशिन्दा है।<br />करतूतों को देख हमारी, होता वो शरमिन्दा है।।<br />--<br />ओछी गगरी सदा छलकती, भरी हुई चुपचाप रहे,<br />जिसकी दाढ़ी में तिनका है, वही ज्ञान की बात कहे,<br />आस्तीन का साँप हमेशा, करता चुगली-निन्दा है।<br />करतूतों को देख हमारी होता वो शरमिन्दा है।.<br />वाह शास्त्री जी राजनीतिक झरबेरियों को जन -मन के आहत मन को यूं गीतों में रख दिया यह कला कोई आपसे सीखे। virendra sharmahttps://www.blogger.com/profile/02192395730821008281noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-2769062556300127602021-04-19T04:34:01.962+05:302021-04-19T04:34:01.962+05:30आदरणीय शास्त्री जी,आपकी सुंदर यथार्थपूर्ण रचना के ...आदरणीय शास्त्री जी,आपकी सुंदर यथार्थपूर्ण रचना के लिए हार्दिक शुभकामनाएं एवम नमन ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.com