tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post8341567344803435970..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: "पत्थर दिल कब पिघलेंगे?" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-35193434342545075152013-01-12T18:48:58.323+05:302013-01-12T18:48:58.323+05:30मित्र,नव वर्ष मंगल मय !ताज़ा झकझकी पेश है-
आँख मू...मित्र,नव वर्ष मंगल मय !ताज़ा झकझकी पेश है- <br />आँख मूँद कर, कान मूँद कर,नशा किये ये बैठे हैं |<br />'न्याय के ठेकेदार' देवता बड़ी 'अकड' में ऐंठे हैं ||<br />जब आयेगा होश, करेंगे न्याय सभी यह कहते हैं -<br />पर सन्देह जागेंगे क्या ये,अटूट नींद में लेटे है || देवदत्त प्रसूनhttps://www.blogger.com/profile/06275143755319297820noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-56321600703217156812013-01-12T14:00:00.047+05:302013-01-12T14:00:00.047+05:30अति उत्तम।अति उत्तम।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-33065458413439589002013-01-12T13:44:05.818+05:302013-01-12T13:44:05.818+05:30बढिया, बहुत सुंदरबढिया, बहुत सुंदरमहेन्द्र श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09549481835805681387noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-75714866676595187952013-01-12T09:40:56.493+05:302013-01-12T09:40:56.493+05:30ये स्वार्थी लोलुप बस कुर्सी के लिए जीते हैं ,उसी क...ये स्वार्थी लोलुप बस कुर्सी के लिए जीते हैं ,उसी के लिए मरते हैं बाकी बातों के लिए इनके दिल में जगह कहाँ ये नहीं सुधरने वाले ,बढ़िया प्रस्तुति Rajesh Kumarihttps://www.blogger.com/profile/04052797854888522201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-47233400201184023892013-01-12T09:02:38.685+05:302013-01-12T09:02:38.685+05:30दिल पिघले तो राह मिलेगी,
कब तक हाथ घरे बैठे हम।दिल पिघले तो राह मिलेगी,<br />कब तक हाथ घरे बैठे हम।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-38045091467537368062013-01-12T08:29:34.616+05:302013-01-12T08:29:34.616+05:30देश के भाग्यविधाताओं के दिल में परिवर्तन का आसार न...देश के भाग्यविधाताओं के दिल में परिवर्तन का आसार नही दिख रहे है,इन कर्णधारो को हम जनता को ही सबक सिखाना होगा। बहुत ही भावपूर्ण एवं सार्थक प्रस्तुती।Rajendra kumarhttps://www.blogger.com/profile/00010996779605572611noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-83692300200578852542013-01-11T22:21:44.216+05:302013-01-11T22:21:44.216+05:30जब तक हम (जनता) नही सुधरेगें तब तक नेता कहाँ सुधरन...जब तक हम (जनता) नही सुधरेगें तब तक नेता कहाँ सुधरने वाले,<br /><br />recent post <a href="http://dheerendra11.blogspot.in/2013/01/blog-post_9.html#links" rel="nofollow">: जन-जन का सहयोग चाहिए...</a>धीरेन्द्र सिंह भदौरिया https://www.blogger.com/profile/09047336871751054497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-88725497649782200782013-01-11T20:55:20.893+05:302013-01-11T20:55:20.893+05:30 यह कभी नहीं सुधरेंगे यह बेचारे हैं ... यह कभी नहीं सुधरेंगे यह बेचारे हैं ...Sunil Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10008214961660110536noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-649543956631310222013-01-11T20:50:42.303+05:302013-01-11T20:50:42.303+05:30उत्कृष्ट प्रस्तुति बेलगाम है सोच ...उत्कृष्ट प्रस्तुति बेलगाम है सोच जाने कितनी दामिनियाँ,<br />लज्जा को रोज लुटाती हैं,<br />उनके लिए नहीं संसद में,<br />चर्चाएँ हो पाती हैं,<br />लम्पट-दुराचारियों को,<br />जाने कब तक फाँसी देंगे?<br /><br />लालकिले की प्राचीरों से,<br />थोथे दावे करते हैं,<br />भोली जनता का दामन,<br />ये महँगाई से भरते हैं,<br />अपनी कथनी को करणी में,<br />जाने कब ये बदलेंगे?Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14500351687854454625noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-73088958244662878702013-01-11T20:21:30.549+05:302013-01-11T20:21:30.549+05:30ये कभी नहीं सुधरने वाला बिगडने मेँ हमारी सोच से भी...ये कभी नहीं सुधरने वाला बिगडने मेँ हमारी सोच से भी ये परे हैँ :)Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/07358539338823945647noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-14499005878725748772013-01-11T18:54:28.194+05:302013-01-11T18:54:28.194+05:30ये सुधरने के लिए पैदा नहीं हुए
New post : दो शही...ये सुधरने के लिए पैदा नहीं हुए<br /><br />New post<a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2013/01/blog-post_10.html" rel="nofollow"> : दो शहीद</a>कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-21543082319599207662013-01-11T18:16:16.074+05:302013-01-11T18:16:16.074+05:30भारत भाग्यविधाताओं के,
पत्थर दिल कब पिघलेंगे?
मौन...भारत भाग्यविधाताओं के, <br />पत्थर दिल कब पिघलेंगे?<br />मौन तोड़कर, मातृभूमि के लिए <br />बोल कब निकलेंगे?<br />...उन्हें मालूम है जब हमारे बोल खुलेंगे तो क्या बोल होगें इस लिए वे चुप रहते हैं ...वो कहते हैं न काक: काक: पिक: पिक: काक: कृष्ण: पिक: अपि कृष्ण: को भेद: काकपिकयो: वसंत काले सम्प्राप्ते काक: काक: पिक: पिक:.. कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-67482311307386229962013-01-11T17:31:06.216+05:302013-01-11T17:31:06.216+05:30बहुत खूब !दिल होते तो पिघलते !बहुत खूब !दिल होते तो पिघलते !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-38705799146678076062013-01-11T17:15:22.565+05:302013-01-11T17:15:22.565+05:30आई मौनी अमाँ है, तमा तमीचर तीर |
नारी मरती सड़क पर,...आई मौनी अमाँ है, तमा तमीचर तीर |<br />नारी मरती सड़क पर, सीमा पर बलवीर |<br />सीमा पर बलवीर, देश में अफरा तफरी |<br />सत्ता की तफरीह, जेब लोगों की कतरी |<br />बेलगाम है लूट, समंदर पार कमाई |<br />ढूँढ़ द्विज का चाँद, अमाँ यह लम्बी आई || रविकर https://www.blogger.com/profile/00288028073010827898noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-49655134558726582992013-01-11T16:31:25.590+05:302013-01-11T16:31:25.590+05:30लालकिले की प्राचीरों से,
थोथे दावे करते हैं,
भोली ...लालकिले की प्राचीरों से,<br />थोथे दावे करते हैं,<br />भोली जनता का दामन,<br />ये महँगाई से भरते हैं....पता नहीं ये कब सुधरेंगेरश्मि शर्माhttps://www.blogger.com/profile/04434992559047189301noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-56626542856820584162013-01-11T16:10:01.398+05:302013-01-11T16:10:01.398+05:30ये कभी नहीं सुधरेंगे :)ये कभी नहीं सुधरेंगे :)Anju (Anu) Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/01082866815160186295noreply@blogger.com