tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post8385308182845421891..comments2024-03-28T21:04:40.074+05:30Comments on उच्चारण: "अमरूद" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री "मयंक")डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-66893489200956086492010-08-22T17:16:20.419+05:302010-08-22T17:16:20.419+05:30अमरुद महिमा पढ़ खाने को जी ललचा गया.अमरुद महिमा पढ़ खाने को जी ललचा गया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-64669948457956558602010-08-22T07:57:21.748+05:302010-08-22T07:57:21.748+05:30अच्छी कविता, अच्छे चित्र।अच्छी कविता, अच्छे चित्र।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-82554026160429130522010-08-22T01:21:18.033+05:302010-08-22T01:21:18.033+05:30अमरुद देखकर तो मुँह में पानी आ गया! अब जल्दी सॆ एक...अमरुद देखकर तो मुँह में पानी आ गया! अब जल्दी सॆ एक टोकरी अमरुद भिजवा दो, बहुत साल हो गये अमरुद खाये हुये.<br />धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-17916925023649464882010-08-21T22:30:35.982+05:302010-08-21T22:30:35.982+05:30स्वस्थ रहने के लिए,
खाना इसे वरदान है।
नाम का अमरू...स्वस्थ रहने के लिए,<br />खाना इसे वरदान है।<br />नाम का अमरूद है,<br />लेकिन गुणों की खान है।<br />वाह शास्त्री जी। क्या बात है!<br />ज़बर्दस्त क्वालिटी के अमरूदों का चित्र लगाया है आपने।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-30722133875054648502010-08-21T21:50:35.561+05:302010-08-21T21:50:35.561+05:30अब तो खाने का मन हो रहा है, सुन्दर प्रस्तुति रही, ...अब तो खाने का मन हो रहा है, सुन्दर प्रस्तुति रही, बधाई ।Mithilesh dubeyhttps://www.blogger.com/profile/14946039933092627903noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-41404126252172174562010-08-21T20:01:35.416+05:302010-08-21T20:01:35.416+05:30आह अमरुद ....मुंह में पानी आ गया ..
यहाँ दुनिया की...आह अमरुद ....मुंह में पानी आ गया ..<br />यहाँ दुनिया की हर चीज़ मिलती है ..बस अमरुद नहीं मिलते :(shikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-59822088576003990392010-08-21T19:27:24.692+05:302010-08-21T19:27:24.692+05:30भूल सुधार :०
बःई = भी
पढें.ाम
रामरभूल सुधार :०<br /><br />बःई = भी<br /><br />पढें.ाम<br /><br />रामरताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-44998820441011316672010-08-21T19:26:35.146+05:302010-08-21T19:26:35.146+05:30वाह आज तो लगता है अमरूद तोदने ही पडेंगे, हमारे यहा...वाह आज तो लगता है अमरूद तोदने ही पडेंगे, हमारे यहां बःई लगे हैं. आपका तो कविता लिखने में कोई सानी ही नही है.<br /><br />रामरामताऊ रामपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/12308265397988399067noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-59400960369485462432010-08-21T19:16:48.206+05:302010-08-21T19:16:48.206+05:30मुँह मे स्वाद आ गया ।मुँह मे स्वाद आ गया ।अरुणेश मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/14110290381536011014noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-67117205246050324592010-08-21T19:02:50.649+05:302010-08-21T19:02:50.649+05:30जितने मीठे आम, उतनी सुन्दर कविता।जितने मीठे आम, उतनी सुन्दर कविता।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-47830063399212923842010-08-21T18:14:55.206+05:302010-08-21T18:14:55.206+05:30सच में मुँह में पानी आ गया.... अब तो अमरुद का सीज...सच में मुँह में पानी आ गया.... अब तो अमरुद का सीज़न भी आ रहा है.... वैसे मेरे पास अमरुद के २० पेड़ हैं.... गोरखपुर में... हर साल पेड़ों को धुलवा कर पूरे जतन से अमरुद के फलों को रखाते हैं... बहुत अच्छी लगी आपकी यह पोस्ट...डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-61946308678814540442010-08-21T18:14:50.701+05:302010-08-21T18:14:50.701+05:30बहुत ही सुन्दर कविता………अमरूद के सारे गुण लिख दिये।...बहुत ही सुन्दर कविता………अमरूद के सारे गुण लिख दिये।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-32172726369079495352010-08-21T18:04:04.593+05:302010-08-21T18:04:04.593+05:30अमरुद देखकर तो मुँह में पानी आ गया! पर्थ में तो नह...अमरुद देखकर तो मुँह में पानी आ गया! पर्थ में तो नहीं मिलेगा इसलिए तस्वीर देखकर ही मन भरना होगा! बहुत सुन्दरता से आपने अमरुद के गुणों के बारे में लिखा है और मुझे तो अमरुद बेहद पसंद है खासकर पका हुआ लाल लाल सा!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.com