tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post8769151658879184807..comments2024-03-25T20:26:21.589+05:30Comments on उच्चारण: वन्दना "रीतियों के रिवाजों से लड़ता रहा" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'http://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5484540138728195838.post-40529393093898892212020-09-27T00:22:50.499+05:302020-09-27T00:22:50.499+05:30भावनाओं में जीता रहा रात-दिन,
वेदनाओं को पीता रहा ...भावनाओं में जीता रहा रात-दिन,<br />वेदनाओं को पीता रहा रात-दिन,<br />ज़िन्दग़ी की सलीबों पे चढ़ता रहा।<br />वन्दना वीणा-पाणि की पढ़ता रहा।,,,,,,,,आदरणीय सर बहुत सुंदर एवं भावपूर्ण रचना,Madhulika Patelhttps://www.blogger.com/profile/18209148776668167493noreply@blogger.com