-- छाया
को देता नहीं, कण्टक वृक्ष खजूर। जो
हैं कुटिल स्वभाव के, रहना
उनसे दूर।१। -- करते
सदा परोक्ष में, इज्जत पर जो वार। जब
होते वो सामने, तब करते मनुहार।२। -- ज्यादा
मीठे बोल में, होती झूठी प्रीत। ऐसे
लोगों से सदा, करो किनारा मीत।३। -- मिलते
हैं संसार में, पग-पग पर आघात। जाँच-परख
कर कीजिए, साझा मन की बात।४। -- छल-फरेब
का जगत में, बिछा हुआ है जाल। पानी
वाले दूध में, आता खूब उबाल।५। -- छोटी-छोटी
बात पर, होना नहीं अधीर। हरदम
रहना चाहिए, धीर और गम्भीर।६। -- चरैवेति
सिद्धान्त का, रखना हरदम ख्याल। जिनमें
नहीं प्रवाह है, सड़ जाते वो ताल।७। -- अभिमानी
गिरि पर बहुत, आते हैं भूचाल। थमे
हुए जल में सदा, बन जाते शैवाल।८। -- धन-दौलत
को पाय कर, मत करना अभिमान। उनको कर देना क्षमा, जो बालक नादान।९। -- कभी न
करना कहीं भी, कोई लूट-खसोट। अपनी नीयत
में नहीं, लाना कोई खोट।१०। -- दग़ाबाज-मक्कार
का, रहता खाली हाथ। श्रम
से अर्जित द्रव्य ही, सदा
निभाता साथ।११। -- |
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शुक्रवार, 11 फ़रवरी 2022
दोहे "छोटी-छोटी बात पर, होना नहीं अधीर" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’)
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सुंदर सीख देते दोहे...
जवाब देंहटाएंयथार्थपरक दोहे।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही सुंदर दोहे …
जवाब देंहटाएंप्रणाम मेरा शास्त्री जी …
सुंदर दोहे
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर दोहे।
जवाब देंहटाएं