-- कुछ उसने जाना है, कुछ मैंने जाना है। जीवन को जीने का, बस एक बहाना है।। -- कुछ अच्छा करने को, सब लोग यहाँ आते हैं, रीती गागर लेकर, लेकिन जग से जाते हैं, कुछ पुण्य कमा लो भाई, पूजा-वन्दन करके- गंगा तट पर आकर भी, कुछ नहीं नहाते हैं, किस्मत में जो लिक्खा, उतना ही पाना है। जीवन को जीने का, बस एक बहाना है।। -- मिलता अच्छे कर्मों का, दुनिया में यही सिला, जो खिलकर मुस्काया, उसको ही प्यार मिला, उपवन में आकर भी, ताजगी न जो पाया- बे-वजह रहा करता, कुछ शिकवा और गिला, मत दोष वक्त को दो, हर समय सुहाना है। जीवन को जीने का, बस एक बहाना है।। -- मैंने क्यों ज्यादा पाया, उसने ज्यादा क्यों खोया वैसा ही सबने पाया, है जैसा सबने बोया, मन साफ जरा करके, तन साफ करो अपना- उतना ही साफ दिखा वो, जिसने वस्त्रों को धोया, मन को भक्ति के जल से, हर रोज नहाना है। जीवन को जीने का, बस एक बहाना है।। -- गुलशन हरियाली बिन, लगता वीराना है, उजड़ी बगिया में फिर, कुछ पेड़ लगाना है, पुरखों की खातिर तुम, बन जाओ भगीरथ से- इक और नई गंगा, धरती पे बहाना है। मानवता का हमको, अस्तित्व बचाना है। जीवन को जीने का, बस एक बहाना है।। -- |