“हिन्दी में रेफ लगाने की विधि” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्रुटियाँ करते हैं। उनके लिए व्याकरण के कुछ सरल गुर प्रस्तुत कर रहा हूँ! हिन्दी में रेफ अक्षर के नीचे “र” लगाने के लिए सदैव यह ध्यान रखना चाहिए कि ‘र’ का उच्चारण कहाँ हो रहा है ? यदि ‘र’ का उच्चारण अक्षर के बाद हो रहा है तो रेफ की मात्रा सदैव उस अक्षर के नीचे लगेगी जिस के बाद ‘र’ का उच्चारण हो रहा है । उदाहरण के लिए - प्रकाश, सम्प्रदाय, नम्रता, अभ्रक, चन्द्र आदि । हिन्दी में रेफ या अक्षर के ऊपर "र्" लगाने के लिए सदैव यह ध्यान रखना चाहिए कि ‘र्’ का उच्चारण कहाँ हो रहा है ? “र्" का उच्चारण जिस अक्षर के पूर्व हो रहा है तो रेफ की मात्रा सदैव उस अक्षर के ऊपर लगेगी जिस के पूर्व ‘र्’ का उच्चारण हो रहा है । उदाहरण के लिए - आशीर्वाद, पूर्व, पूर्ण, वर्ग, कार्यालय आदि । रेफ लगाने के लिए आपको केवल यह अन्तर समझना है कि जहाँ पूर्ण "र" का उच्चारण हो रहा है वहाँ सदैव उस अक्षर के नीचे रेफ लगाना है जिसके पश्चात "र" का उच्चारण हो रहा है । जैसे - प्रकाश, सम्प्रदाय, नम्रता, अभ्रक, आदि में "र" का उच्चारण हो रहा है । -- |
"उच्चारण" 1996 से समाचारपत्र पंजीयक, भारत सरकार नई-दिल्ली द्वारा पंजीकृत है। यहाँ प्रकाशित किसी भी सामग्री को ब्लॉग स्वामी की अनुमति के बिना किसी भी रूप में प्रयोग करना© कॉपीराइट एक्ट का उलंघन माना जायेगा। मित्रों! आपको जानकर हर्ष होगा कि आप सभी काव्यमनीषियों के लिए छन्दविधा को सीखने और सिखाने के लिए हमने सृजन मंच ऑनलाइन का एक छोटा सा प्रयास किया है। कृपया इस मंच में योगदान करने के लिएRoopchandrashastri@gmail.com पर मेल भेज कर कृतार्थ करें। रूप में आमन्त्रित कर दिया जायेगा। सादर...! और हाँ..एक खुशखबरी और है...आप सबके लिए “आपका ब्लॉग” तैयार है। यहाँ आप अपनी किसी भी विधा की कृति (जैसे- अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कर सकते हैं। बस आपको मुझे मेरे ई-मेल roopchandrashastri@gmail.com पर एक मेल करना होगा। मैं आपको “आपका ब्लॉग” पर लेखक के रूप में आमन्त्रित कर दूँगा। आप मेल स्वीकार कीजिए और अपनी अकविता, संस्मरण, मुक्तक, छन्दबद्धरचना, गीत, ग़ज़ल, शालीनचित्र, यात्रासंस्मरण आदि प्रकाशित कीजिए। |
Linkbar
फ़ॉलोअर
शनिवार, 3 अप्रैल 2021
हिन्दी व्याकरण "आधा "र्" का प्रयोग" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
लोकप्रिय पोस्ट
-
दोहा और रोला और कुण्डलिया दोहा दोहा , मात्रिक अर्द्धसम छन्द है। दोहे के चार चरण होते हैं। इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) मे...
-
लगभग 24 वर्ष पूर्व मैंने एक स्वागत गीत लिखा था। इसकी लोक-प्रियता का आभास मुझे तब हुआ, जब खटीमा ही नही इसके समीपवर्ती क्षेत्र के विद्यालयों म...
-
नये साल की नयी सुबह में, कोयल आयी है घर में। कुहू-कुहू गाने वालों के, चीत्कार पसरा सुर में।। निर्लज-हठी, कुटिल-कौओं ने,...
-
समास दो अथवा दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए नए सार्थक शब्द को कहा जाता है। दूसरे शब्दों में यह भी कह सकते हैं कि ...
-
आज मेरे छोटे से शहर में एक बड़े नेता जी पधार रहे हैं। उनके चमचे जोर-शोर से प्रचार करने में जुटे हैं। रिक्शों व जीपों में लाउडस्पीकरों से उद्घ...
-
इन्साफ की डगर पर , नेता नही चलेंगे। होगा जहाँ मुनाफा , उस ओर जा मिलेंगे।। दिल में घुसा हुआ है , दल-दल दलों का जमघट। ...
-
आसमान में उमड़-घुमड़ कर छाये बादल। श्वेत -श्याम से नजर आ रहे मेघों के दल। कही छाँव है कहीं घूप है, इन्द्रधनुष कितना अनूप है, मनभावन ...
-
"चौपाई लिखिए" बहुत समय से चौपाई के विषय में कुछ लिखने की सोच रहा था! आज प्रस्तुत है मेरा यह छोटा सा आलेख। यहाँ ...
-
मित्रों! आइए प्रत्यय और उपसर्ग के बारे में कुछ जानें। प्रत्यय= प्रति (साथ में पर बाद में)+ अय (चलनेवाला) शब्द का अर्थ है , पीछे चलन...
-
“ हिन्दी में रेफ लगाने की विधि ” अक्सर देखा जाता है कि अधिकांश व्यक्ति आधा "र" का प्रयोग करने में बहुत त्र...
भाषा और उच्चारण बोध को सुधारती हुई सार्थक पोस्ट धन्यवाद अनुनासिक अनुस्वार के प्रयोग पर भी कृपया लेखनी चलाएं ,बिंदी के प्रयोग को लेकर भी हिंदी लिखने वालों में लापरवाही देखने को मिलती है। वर्तनी मात्राओं के ह्रस्व और दीर्घ प्रयोगों को लेकर भी भ्रान्ति है -भाइयो और बहनो होगा सम्बोधन के वक्त न कि भाइयों और बहिनों। दवाइयां होगा न कि दवाईयां ,दवाइयों की दूकान होगा न कि दवाईयों की दुकान।
जवाब देंहटाएंकृपया ऐसे और चिठ्ठे देवें जिनसे तमाम चिठ्ठाकार हमारे लाभान्वित होवें।
वीरू भाई
kabirakhadabazarmein.blogspot.com
veerujan.blogspot.com
भाषा और उच्चारण बोध को सुधारती हुई सार्थक पोस्ट धन्यवाद अनुनासिक अनुस्वार के प्रयोग पर भी कृपया लेखनी चलाएं ,बिंदी के प्रयोग को लेकर भी हिंदी लिखने वालों में लापरवाही देखने को मिलती है। वर्तनी मात्राओं के ह्रस्व और दीर्घ प्रयोगों को लेकर भी भ्रान्ति है -भाइयो और बहनो होगा सम्बोधन के वक्त न कि भाइयों और बहिनों। दवाइयां होगा न कि दवाईयां ,दवाइयों की दूकान होगा न कि दवाईयों की दुकान।
जवाब देंहटाएंकृपया ऐसे और चिठ्ठे देवें जिनसे तमाम चिठ्ठाकार हमारे लाभान्वित होवें।
वीरू भाई
kabirakhadabazarmein.blogspot.com
veerujan.blogspot.com
माननीय आपकी ये पोस्ट ट्विटर एवं फेसबुक पर भी शेयर की गई है विधिपूर्वक नियम पूर्वक ऐसा ही करता आया हूँ। आप साधना रत हैं। लाभान्वित हम भी हो रहें हैं।
veerujibraj.blogspot.com
आदरणीय
जवाब देंहटाएंसादर नमन.🙏
आज की पोस्ट बहुत ज्ञानवर्धक है। साहित्य में अभिरुचि रखने वालों के लिए विशेष लाभप्रद है।
हार्दिक शुभकामनाओं सहित,
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
बहुत ही उपयोगी जानकारी, आभार
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी, हालांकि इस पर और विस्तार से समझाने की आवश्यकता है। सादर प्रणाम।
जवाब देंहटाएंबहुत उपयोगी जानकारी। आदरणीय शास्त्रीजी,ब्लॉग पर टिप्पणी करते वक्त पहले 4 से 6 बार विज्ञापन ही खुलता है। कभी कभी तो टिप्पणी करने में ज्यादा ही परेशानी होती है। कृपया यदि संभव हो सके तो इसे...
जवाब देंहटाएंबहुत सही जानकारी। साधु साधु।
जवाब देंहटाएंसार्थक लेखन
जवाब देंहटाएंबहुत सही जानकारी देने के लिए आपको नमन ।
जवाब देंहटाएंसम्यक व सटीक प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंहिंदी लेखन के मार्गदर्शन में सहभागिता निभाने वाली।
सादर।
हिंंदी व्याकरण पर बहुत बढ़िया जानकारी ...हिन्दी में रेफ अक्षर के नीचे “र” लगाने के लिए
जवाब देंहटाएंसदैव यह ध्यान रखना चाहिए कि
‘र’ का उच्चारण कहाँ हो रहा है ? हमारे अधूरे ज्ञान में इज़ाफा करने के लिए धन्यवाद शास्त्री जी