गद्य अगर कविता होगी तो, कविता का क्या नाम धरोगे? सूर-कबीर और तुलसी को, किस श्रेणी में आप धरोगे? तुकबन्दी औ’ गेय पदों का, कुछ कहते हैं गया जमाना। गीत-छन्द लिखने का फैशन, कुछ कहते हैं हुआ पुराना। जिसमें लय-गति-यति होती है, परिभाषा ये बतलाती है। याद शीघ्र जो हो जाती है, वो ही कविता कहलाती है। अपनी कमजोरी की खातिर, कब तक तर्क-कुतर्क करोगे? सूर-कबीर और तुलसी को किस श्रेणी में आप धरोगे? लिख करके आलेख-लेख को, अनुच्छेद में बाँट रहे क्यों? लगा टाट के पैबन्दों को, काव्य गलीचा गाँठ रहे क्यों? नहीं जानते पद्य अगर तो, गद्य लिखो, स्वीकार हमें है। गद्यकार का रूप तुम्हारा, दिल से अंगीकार हमें है। गीतों-ग़ज़लों की नौका में, कब तक तुम सन्ताप भरोगे? सूर-कबीर और तुलसी को, किस श्रेणी में आप धरोगे? लाओ नूतन शब्द गद्य में, पावन जल से भरो सरोवर। शुक्ल-हजारीलाल सरीखे, बन जाओ तुम गद्य धरोहर। गद्यकार कहलाने में भी, घट जाता सम्मान नहीं है। क्या उपदेशों-सन्देशों में? मिलता कोई ज्ञान नहीं है। कड़वी औषध रोग मिटाती, पीने में कब तलक डरोगे? सूर-कबीर और तुलसी को, किस श्रेणी में आप धरोगे? |
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गुरुवार, 28 जुलाई 2022
गीत "फैशन हुआ पुराना" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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लाओ नूतन शब्द गद्य में,
जवाब देंहटाएंपावन जल से भरो सरोवर।
शुक्ल-हजारीलाल सरीखे,
बन जाओ तुम गद्य धरोहर।
प्रेरणदायक पंक्तियाँ
किन्तु यदि किसी को अतुकांत कविता ही भाती हो, तो? पाठक के रूप में, सच में मुझे अतुकांत कविता रसदायक लगती है। जब उस पर नियम की बंदिश नहीं होती, तब कवि वह कह सकता/ती है, जो वह सच में कहना चाहता/ती है। जरूरी नहीं कि जो तुकबंदी में नहीं है, वह गद्य ही है।
जवाब देंहटाएंवाह।
जवाब देंहटाएंसुंदर संदेश लिए सार्थख गीत। प्रेरणादायक प्रस्तुति के लिए आपका बहुत-बहुत आभार।
जवाब देंहटाएंआदरणीय शास्त्री जी, नमस्ते 🙏❗️
जवाब देंहटाएंसूर, कबीर तुलसी को,
किस श्रेणी में तुम धरोगे?
यह प्रश्न हर छंद बद्ध कविता के प्रेमी का है. बहुत सुन्दर! साधुवाद!
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https://youtu.be/PkgIw7YRzyw
ब्रजेन्द्र नाथ