करवाचौथ विशेष कर रही हूँ प्रभू से यही प्रार्थना। ज़िन्दगी भर सलामत रहो साजना।। उन्नति की सदा सीढ़ियाँ तुम चढ़ो, आपकी सहचरी की यही कामना। ज़िन्दगी भर सलामत रहो साजना।। आभा-शोभा तुम्हारी दमकती रहे, मेरे माथे पे बिन्दिया चमकती रहे, मुझपे रखना पिया प्यार की भावना। ज़िन्दगी भर सलामत रहो साजना।। तीर्थ और व्रत सभी हैं तुम्हारे लिए, चाँद-करवा का पूजन तुम्हारे लिए, मेरे प्रियतम तुम्ही मेरी आराधना। ज़िन्दगी भर सलामत रहो साजना।। |
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रविवार, 24 अक्टूबर 2021
गीत "मुझपे रखना पिया प्यार की भावना" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (25 -10-2021 ) को करवाचौथ सुहाग का, होता पावन पर्व (चर्चा अंक 4226) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
बेहतरीन सृजन। सुंदर भाव।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंकरवा चौथ के व्रत पर आपकी समयानुकूल रचना इस व्रत के महत्व को द्विगुनित कर देती है। सादर साधुवाद!--ब्रजेंद्रनाथ
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंसुन्दर शुभकामनाएं
जवाब देंहटाएं