-- जो सींचता भू स्वेद से, वो नर नहीं
भगवान है। जाँबाज वीर जवान ही तो, देश का अभिमान
है।। -- शीत और बरसात के भी, कष्ट को जो झेलता, दुश्मनों के साथ, खूनी फाग को जो
खेलता, सीमाओं पर जो है डटा, प्रहरी वही बलवान
है। जाँबाज वीर जवान ही तो, देश का अभिमान
है।1। -- तन्त्र जिससे है सुरक्षित, प्रजा भी आबाद है, जिसके कारण वतन अपना, आज तक आजाद है, निज मातृ-भू लिए जो, कुर्बान करता जान
है। जाँबाज वीर जवान ही तो, देश का अभिमान
है।2। -- राज का रक्षक वही है, ताज की वो लाज
है, उसके बल पर आज जीवित, राज और समाज है, खिलखिलाती धरा का, उससे खिला उद्यान है जाँबाज वीर जवान ही तो, देश का अभिमान
है।3। -- शौर्य कितना है हमारा, देश सब पहचानते
हैं, आज दुश्मन भी हमारी, शक्तियों को जानते
हैं, शक्तियों को चीन-पाकिस्तान, इनकी जानते
हैं, राष्ट्र के शुभ यज्ञ का, सैनिक महा
यजमान है। जाँबाज वीर जवान ही तो, देश का अभिमान
है।4। -- |
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गुरुवार, 16 मई 2024
गीत "वो नर नहीं भगवान है" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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