बढ़ जाता है
हौसला, जब हो जाती जीत।
मन में अगर
उमंग हो, बज उठता संगीत।
--
अगर इरादे
नेक हों, होती नहीं थकान।
सादा भोजन
भी लगे, मानो हो पकवान।।
--
जनता जिसके
साथ है, उसके सुधरें हाल।
मेहनत बिन
मिलता नही, जग में भोजन थाल।।
--
सत्ता-शासन
में कभी, मत होना मग़रूर।
हर सम्भव अभिलाष
को, करना पूर्ण जरूर।।
--
हँसी-खेल होता
नहीं, करना सुख से राज।
जनता ने
पहना दिया, अब काँटों का ताज।।
--
घेरेगा हर
मोड़ पर, पथ में रोज विपक्ष।
मंजिल उसको
ही मिले, जो होता है दक्ष।।
--
किसी वर्ग
के साथ भी, मत करना अन्याय।
भेद-भाव को
भूलकर, करना होगा न्याय।।
--
अनुशासन के
साथ में, जो करता खिलवाड़।
उसके ही
जनतन्त्र में, होते बन्द किवाड़।।
--
तानाशाही की
कभी, मत कर देना भूल।
कई साल के
बाद में, खिला कमल का फूल।।
--
सबका साथ
विकास को, करना अब साकार।
नीति-नियम
लागू करो, जनहित के अनुसार।।
--
सावधान उनसे रहो, जो करते उत् पात।
होता है दल में सदा, घातक भीतरघात।।
|
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शनिवार, 18 मार्च 2017
दोहे "खिला कमल का फूल" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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सुन्दर।
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