--अंगूर के सभी गुण, |
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बहुत अच्छी काव्य-रचना है यह शास्त्री जी। जो इसका मर्म समझ ले, उसके लिए तो यह सतत प्रेरणा की सरिता बनकर रहेगी।
जवाब देंहटाएंठेले हैं शब्द हमने,
जवाब देंहटाएंकुछ जोड़-तोड़ करके,
कविता परोसते हैं,
हम तोड़-मोड़ करके,
कुछ काव्य साधना से,
अनुराग पा गये हैं।
सूखे हुए छुहारे,
जग को लुभा गये हैं।।
दमदार कटाक्ष उन कथित कवियों पर जो साहित्य जगत में सम्मानित स्थान पाने की लालसा तो रखते हैं लेकिन स्वयं सृजन के प्रयास से नहीं....
साधुवाद आदरणीय 🙏
बहुत खूबसूरती से एक -एक शब्द लिखा है कम शब्दों में कहें तो शानदार लेखन सर
जवाब देंहटाएंवाह बेहतरीन रचना 👌
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर आदरणीय।
जवाब देंहटाएंव्यंग्य की तीक्ष्णता लिए सुंदर गीत।