!!अन्तिम राक्षस!!
दशहरा था दशानन, मेघनाद और कुम्भकर्ण के गगनचुम्बी पुतले मैदान में सजे थे रामलीला मैदान में मेला लगा था हजारों लोगों की भीड़ थी श्री राम जी की जय के उद्घोष के साथ पुतलों का दहन शुरू हो चुका था इस मेले से चार बालाएँ गुम हो गई थी बार-बार एक ही प्रश्न मन में उठ रहा था "अन्तिम राक्षसरावण तो जला दिया।’’ फिर कौन से राक्षसों ने चार सीताओं का हरण किया।। (चित्र गूगल सर्च से साभार) |
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मंगलवार, 29 सितंबर 2009
‘‘सीताओं का हरण’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘‘मयंक’’)
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Naam ka Ravan Dahan Hua hai abhi dekhiyega fir bahut se ravan aa gayyenge aur agale saal fir wahi kahani duhrai jayegi..
जवाब देंहटाएंअगर सचमुच ऐसा हुआ है तो येहमारे लिए शर्म की बात है वैसे भी शास्त्री जी कागज़ के रावण जलाने से बात नहीं बनती
जवाब देंहटाएंरक्तबीज कभी मरते नही हैं.
जवाब देंहटाएंरामराम.
बहुत अफ़सोस है यह सुन कर, लेकिन आज की सीता खुद ही रावण के घर जाये तो.... रोजाना की आख्वार पढे... दो चार सीता जनक को ही दुतकारती है, दो चाए राम पर ही तोहमत लगाती है, ओर आज का राम भी कम नही गद्दी के लिये खुद ही सीता को रावण के पास भेज देता है....
जवाब देंहटाएंशास्त्री जी, आज हम जिस ओर भी जा रहे है, वो रास्ता अच्छा नही, लेकिन हम इस पेसे रुपी रावण के पीछे भागे जा रहे है...
रावण के वंशज आज भी ज़िन्दा हैं....
जवाब देंहटाएंहा हा सर बहुत बढ़िया बालाओं का अपहरण प्रेमासुर राक्षस ने किया होगा
जवाब देंहटाएंरावण को जलाने वालो मे तो खुद भी रावण था. सीता हरण तो हमारे क्षरण का प्रमाण है.
जवाब देंहटाएंbahut achcha vayang hai
जवाब देंहटाएंjab ravan jala diya tha to phir koun sa rawan bach gaya
is kavita ne dil ko chhoo liya....... hum hi logon ke beech mein raavan tha.....
जवाब देंहटाएंबहुत करारा व्यंग्य!
जवाब देंहटाएंबेहद शर्मनाक घटना !!
जवाब देंहटाएंरावण तो हर साल जला दिया जाता है
जवाब देंहटाएंफिर भी हर साल जिंदा खड़ा हो जाता है
इसे न जलने में शर्म आती है न जलाने में
यह तो रक्तबीज (ताऊ रामपुरिया जी फरमा चुके हैँ) है; तुरंत उठ खड़ा होता है
क्योंकि इसे जिंदा रखने की तमन्ना कहीं हमारे दिलों में ही बसी है ... ताकि कोई जले तो तुरंत इशारा कर दो भई कलयुग है ... हर घर में रावण है
पुतले जलाकर रावण को कहाँ मारा जा सकता है रावण मरेगा तो अंतर्चेतना के विकसित होने पर
जवाब देंहटाएंजो इंसानों के मन के अंधियारे कोने में
घुस कर बैठा है ..!!
अफसोसजनक घटना पर करारा कटाक्ष.
जवाब देंहटाएंवाह बहुत ही सुंदर प्रस्तुत किया है! दिल को छू गई आपकी ये शानदार रचना!
जवाब देंहटाएंapne andar ke ravan ko yadi insan samapt kar de to ye dharti swarg ban jaye.
जवाब देंहटाएंअब तो यह रावन बिना सिर वाले है इन्हे कैसे पहचानेंगे ?
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