लेकर आयी है शिवरात,
बोलो हर-हर, बम-बम..!
बोलो हर-हर, बम-बम..!!
शंकर जी की आई याद,
बम भोले के गूँजे नाद,
बोलो हर-हर, बम-बम..!
बोलो हर-हर, बम-बम..!!
भूत-पिशा्च गणादि साथ,
लेकर निकले शिव बारात,
बोलो हर-हर, बम-बम..!
बोलो हर-हर, बम-बम..!!
जागा दयानन्द का ज्ञान,
भागा तमरूपी अज्ञान,
बोलो हर-हर, बम-बम..!
बोलो हर-हर, बम-बम..!!
शिव की लीला अपरम्पार,
व्रत-पूजन करता संसार,
बोलो हर-हर, बम-बम..!
बोलो हर-हर, बम-बम..!!
पावन गंगा-नीर विशेष,
शिवलिंग का होता अभिषेक,
बोलो हर-हर, बम-बम..!
बोलो हर-हर, बम-बम..!!
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रविवार, 15 फ़रवरी 2015
"बम भोले के गूँजे नाद" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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जवाब देंहटाएंसुंदर ।
जवाब देंहटाएंजय भोलेनाथ। इस बार शिवरात्रि पर भोलेनाथ के दर्शनार्थ देव भूमि आने की इच्छा है।
जवाब देंहटाएंShivratri ki shubhkamnaye!!
जवाब देंहटाएंhttp://swayheart.blogspot.in/2015/02/blog-post.html
बहुत सुन्दर...
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