-१-
घण्टे-घड़ियाल, ताल-खड़ताल लेके अब,
भारत माँ का कीर्तन-भजन होना चाहिए।
देश की सीमाओँ को बचाने के लिए तो आज,
तन-मन प्राण का हवन होना चाहिए।
-२-
शासकों को सीधी चाल चलने की जरूरत है,
तुष्टिकरण नीति का दमन होना चाहिए।
ईंट का जवाब अब देना होगा पत्थरों से,
बैरियों को कब्र में दफन होना चाहिए।
-३-
कोठी-बंगलों में ऐश बन्द होनी चाहिए,
सबके लिए मामूली भवन होना चाहिए।
रत्न-भूषण और श्री चाटुकारिता के चिह्न से,
मुक्त अपना प्यारा ये चमन होना चाहिए।
-४-
उग्रवादियों को सजा फाँसी की मिले तुरन्त,
अपने प्यारे देश में अमन होना चाहिए।
नेताओं की लाश को न झण्डे लपेटा जाये,
शहीदों का तिरंगा कफन होना चाहिए।
-५-
आजादी की जंग में जिन्होंने बलिदान दिया,
उन देशभक्तों का नमन होना चाहिए
जाति-धर्म, भाषा और भूषा की न होड़ लगे,
सबसे पहले अपना वतन होना चाहिए।
|
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शनिवार, 20 अप्रैल 2019
मुक्तकगीत "बैरियों को कब्र में दफन होना चाहिए" (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (21-04-2019)"सज गई अमराईंयां" (चर्चा अंक-3312) को पर भी होगी।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
- अनीता सैनी
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंAapki kavita padh josh aa gaya. Sachmuch veer ras se ot prot kavita. Badhayi.
जवाब देंहटाएंInformation about periwinkle flower & Ashoka tree facts
y kavita ish baar newspaper m post karvaugi.
जवाब देंहटाएंYou may like - Rakuten Affiliate Network New Features that You Must Try