हमको सुर, तान, लय का नही ज्ञान है,
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गुरुवार, 7 मई 2009
‘‘स्वागत-गीत’’ (डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
हमको सुर, तान, लय का नही ज्ञान है,
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आप आये यहाँ आपको शत नमन।।
जवाब देंहटाएंबहुत सूंदर स्वागत गीत.
रामराम.
sunder swagat gaan, dhanyawaad.
जवाब देंहटाएंसुन्दर स्वागत गीत .शुक्रिया
जवाब देंहटाएंHy
हटाएंशुक्रिया , सुन्दर लयबद्ध स्वागत गीत के लिए और समय समय पर मेरी हौसला अफजाई के लिए भी
जवाब देंहटाएंसचमुच यह स्वागत गीत याद रखने लायक ही है.मै अपनी संस्था में इसे बच्चों के द्वारा प्रस्तुत करवा सकती हूं? यदि अनुमति हो तो..
जवाब देंहटाएंस्वागतम स्वागतम स्वागतम
जवाब देंहटाएंसुन्दर स्वागत गीत.
जवाब देंहटाएंbahut hi sundar aur layabaddh swagat geet hai.dhanyavaad.
जवाब देंहटाएं"सुमन"
जवाब देंहटाएंशब्द के माध्यम से
इस गीत में
अलंकारों का प्रयोग
बहुत सुंदर ढंग से
किया गया है!
आपके "सुमन" के कारण
जवाब देंहटाएंयह गीत
बीस साल बाद भी
पहले-सी ताज़गी के साथ
महक रहा है!
abhibhut hoo ..bahut sundar rachnaa ... swagat yogy bachho ke muh se ye geet swaroop bahut sundar lagta hoga is gane kee taalmayta bhi bahut sundar hai...
जवाब देंहटाएंओह यह स्वागत गीत तो पढ़ा ही नहीं था ...बहुत सुन्दर भावों से भरा ,सही शिक्षा देता हुआ सुन्दर गीत
जवाब देंहटाएंबेहद सुन्दर शिक्षाप्रद स्वागत गीत....शास्त्री जी आभार
जवाब देंहटाएंआपकी यह रचना कालजयी रचना है । आज मैं इसे अपने कार्यक्रम में अतिथि स्वागत हेतु गाने जा एहि हूँ । हृदेवसे आभार इतनी सारगर्भित रचना हेतु । :)
जवाब देंहटाएंआपकी यह रचना कालजयी रचना है । आज मैं इसे अपने कार्यक्रम में अतिथि स्वागत हेतु गाने जा रही हूँ । हृदय से आभार इस सारगर्भित रचना हेतु । :)
जवाब देंहटाएंआपकी यह रचना कालजयी रचना है । आज मैं इसे अपने कार्यक्रम में अतिथि स्वागत हेतु गाने जा रही हूँ । हृदय से आभार इस सारगर्भित रचना हेतु । :)
जवाब देंहटाएंआपकी यह रचना कालजयी रचना है । आज मैं इसे अपने कार्यक्रम में अतिथि स्वागत हेतु गाने जा एहि हूँ । हृदेवसे आभार इतनी सारगर्भित रचना हेतु । :)
जवाब देंहटाएंस्वागत के रूप में यह गीत अत्यंत ही श्रेष्ठ है
जवाब देंहटाएंवास्तव में कालजई रचना है
रचनाकार को शत-शत नमन है
क्रूपया Mp3 nj.suthar61@gmail.com
जवाब देंहटाएंपर भेजेंगे तो बडा उपकार होगा।
क्रूपया Mp3 nj.suthar61@gmail.com
जवाब देंहटाएंपर भेजेंगे तो बडा उपकार होगा।
यह गीत पढ़ने के बाद नेत्रो के द्वारा हदय तक गया यह रचन अद्वितीय है।अलंकारों का विशिष्ट समावेश है। इसे अपने हारमोनियम पर सजा के इसे एक नया आयाम नया रूप देने का प्रयत्न करूंगा।
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