पूरे सब वरदान हो गये।
नितिन तुम्हारे आ जाने से
पूरे सब अरमान हो गये।।
घर-आँगनरूपी उपवन में,
मुरझाये सब सुमन खिल गये।
नीरस जीवन, सरस हो गया,
सब अनुपम उपहार मिल गये।
धूल उड़ाते खेत हमारे,
वासन्ती उद्यान हो गये।
नितिन तुम्हारे आ जाने से,
पूरे सब अरमान हो गये।।
वर्ष चवालिस बीत गये हैं,
जल्दी-जल्दी जाने कैसे।
पंख लगाकर वक्त उड़ रहा,
जाने क्यों लगता है ऐसे।
पगडण्डी पर चलनेवाले,
वाहन सभी विमान हो गये।
पूरे सब अरमान हो गये।।
सपने जो देखे थे मैंने,
आज सभी साकार हो गये।
पौत्र-पौत्री और पुत्र अब,
जीवन का आधार हो गये।
सच सारे अनुमान हो गये।
पूरे सब अरमान हो गये।।
जब तक मेरा साया तुम पर,
तब तक रहे सलामत बचपन।
कोई अन्तर नहीं समझना,
हो पैंतालिस या हो पचपन।
आशीषों के वचन प्राप्त कर,
निर्धन सब धनवान हो गये।
पूरे सब अरमान हो गये।।
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बुधवार, 12 सितंबर 2018
गीत "तेरह सितम्बर-ज्येष्ठ पुत्र का जन्मदिन" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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नितिन जी को जन्म दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।😊
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 13.9.18 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3093 में दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
नितिन को जन्मदिन की शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएं